Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Feb, 2019 02:43 PM
इंदौरः देश में दाल-दलहनों की पर्याप्त उपलब्धता का दावा करते हुए उद्योग जगत के एक प्रमुख संगठन ने शुक्रवार को मांग की कि केंद्र सरकार को अगले वित्त वर्ष में दाल़ों के आयात पर रोक लगा देनी चाहिए।
इंदौरः देश में दाल-दलहनों की पर्याप्त उपलब्धता का दावा करते हुए उद्योग जगत के एक प्रमुख संगठन ने शुक्रवार को मांग की कि केंद्र सरकार को अगले वित्त वर्ष में दाल़ों के आयात पर रोक लगा देनी चाहिए। ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने कहा, 'मोटे अनुमान के मुताबिक हमें घरेलू उपभोग के लिए हर साल 250 लाख टन दालों की आवश्यकता होती है। देश में अब तक हुए दाल-दलहन उत्पादन, आयात और निजी तथा सरकारी क्षेत्र के पुराने स्टॉक के बूते हम इस आवश्यकता की पूर्ति करने में खुद सक्षम हैं। लिहाजा अगले वित्त वर्ष में दाल आयात पर रोक लगा देनी चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'अगर दाल के आयात पर रोक लगाई जाती है, तो घरेलू दाल उद्योग के साथ देश के किसानों को भी फायदा होगा। ऐसा होने पर किसानों को दलहनों की वाजिब कीमत मिल सकेगी, जबकि खासकर दाल आयात के कारण अभी उन्हें अपनी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से भी नीचे बेचनी पड़ रही है।'
अग्रवाल ने यह मांग भी की कि आम उपभोक्ताओं और घरेलू उद्योग के हितों को देखते हुए ब्रांडेड दालों पर पांच फीसदी की दर से वसूला जाने वाला माल एवं सेवा कर (जीएसटी) हटाया जाना चाहिए। मीडिया से बातचीत से पहले, उन्होंने यहां औद्योगिक प्रदर्शनी 'ग्रेनेक्स इंडिया' के आठवें संस्करण का उद्घाटन किया। इस मौके पर वरिष्ठ भाजपा नेता कृष्णमुरारी मोघे भी मौजूद थे। आयोजकों ने बताया कि तीन दिवसीय कार्यक्रम में कई देशी-विदेशी कम्पनियां अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर रही है। इस दौरान दाल उद्योग के करीब 2,000 प्रतिनिधियों के जुटने की उम्मीद है।