भारत में गेहूं की कमी नहीं, बड़े पैमाने पर निर्यात रोकने के लिए लगाया गया प्रतिबंध: तोमर

Edited By jyoti choudhary,Updated: 28 May, 2022 06:12 PM

there is no shortage of wheat in india restrictions imposed to stop

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि भारत में गेहूं की कोई कमी नहीं है लेकिन बड़े पैमाने पर निर्यात रोकने के लिये यह कदम उठाया गया है। बृहस्पतिवार को यहां एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद तोमर ने पत्रकारों से बात करते हुए

 ग्वालियरः केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि भारत में गेहूं की कोई कमी नहीं है लेकिन बड़े पैमाने पर निर्यात रोकने के लिये यह कदम उठाया गया है। बृहस्पतिवार को यहां एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद तोमर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बाजार में संतुलन बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है। आयात हो या निर्यात, हमारे लिए पहले देश का हित है। आज गेहूं की कोई भी कमी देश में नहीं है। बाजार संतुलित रहे यह जिम्मेदारी सरकार है और इसलिए हमने गेहूं के निर्यात पर रोक लगाई ताकि अंधाधुंध निर्यात ना हो क्योंकि हमें देश की जरूरतें भी पूरी करनी है।'' 

दुनिया में अनाज के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक भारत ने 14 मई को बढ़ती घरेलू कीमतों को नियंत्रित करने के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। विदेशों से भारतीय गेहूं की बेहतर मांग के कारण भारत का गेहूं निर्यात 2021-22 में 70 लाख टन के रिकॉर्ड स्तर पर रहा। मूल्य के अनुसार यह 2.05 अरब डॉलर का रहा। भारत के कुल गेहूं निर्यात में से लगभग 50 प्रतिशत बांग्लादेश को जाता है। तोमर ने कहा कि दुनिया के कई देशों को खाद्यान्न की जरुरत है और वे भारत की ओर देखते हैं। हमारे पड़ोसी देशों के प्रति भी हमारी जिम्मेदारी है। मंत्री ने कहा कि इन सभी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए हमने अपने भंडार की जांच करके यह (निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का) निर्णय किया है।
 

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