Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Jan, 2020 02:14 PM
सरकार के सामने राजकोषीय घाटे की खाई को कम करना बहुत बड़ी चुनौती है। बजट की तैयारी जोरों पर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बजट में सरकार पुराने टैक्स विवाद को खत्म करने के लिए एक स्कीम लेकर आ सकती है।
नई दिल्लीः सरकार के सामने राजकोषीय घाटे की खाई को कम करना बहुत बड़ी चुनौती है। बजट की तैयारी जोरों पर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस बजट में सरकार पुराने टैक्स विवाद को खत्म करने के लिए एक स्कीम लेकर आ सकती है। स्कीम के तहत कॉर्पोरेट पर जो पुराने विवादित टैक्स बकाए हैं, उसको लेकर टैक्स विभाग एकमुश्त रकम लेकर विवाद खत्म कर देगा। कॉर्पोरेट सेक्टर के लिए यह बहुत बड़ी राहत होगी।
5 लाख टैक्स विवाद के मामले पेंडिंग
पुराने टैक्स विवाद के करीब 5 लाख मामले पेंडिंग हैं और कुल विवादित रकम करीब 8 लाख करोड़ रुपए का है। स्कीम के तहत अगर इस विवाद का हल हो जाता है तो सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को आसानी से पा लेगी और कॉर्पोरेट को भी विवाद से राहत मिलेगी।
सबका विश्वास स्कीम से सरकार की कमाई 30 हजार करोड़
पुराने विवादित सर्विस टैक्स और एक्साइज ड्यूटी मामलों के समाधान के लिए सरकार सबका विश्वास स्कीम लेकर आई थी। इस स्कीम से सरकार ने 30 हजार करोड़ की कमाई की। संभव है कि बजट में एकबार फिर से इस तरह की कोई स्कीम लाई जाए। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) फरवरी 2019 में डायरेक्ट टैक्स विवाद को दूर करने के लिए एक पैनल का भी गठन किया था।
टैक्स डिपार्टमेंट 65% मामला हार जाता है
रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 8 लाख करोड़ रुपए का डायरेक्ट टैक्स विवादों में फंसा है। रिकॉर्ड के मुताबिक, टैक्स डिपार्टमेंट 65 फीसदी मामला हार जाता है। संभव है कि सरकार सबका विश्वास की तरह कोई स्कीम लेकर आए या फिर कंपनियों को कहा जाए कि वह विवादित रकम का कुछ हिस्सा पेनाल्टी और इंट्रेस्ट के साथ सरकार को जमा कर दे। सूत्रों के हवाले से यह भी खबर है कि कंपनियों को कुल बकाया का 40-50 फीसदी तक जमा करने के लिए कहा जाए।