Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Apr, 2019 06:53 PM
नकदी संकट से जूझ रही एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। इसने अपने सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिया है और गिनती के कुछ विमान ही अब हवा में हैं।
बिजनेस डेस्कः नकदी संकट से जूझ रही एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष कर रही है। इसने अपने सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को रद्द कर दिया है और गिनती के कुछ विमान ही अब हवा में हैं। एक तरफ देश में हवाई यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है तो दूसरी तरफ घाटे की वजह से कई कंपनियां बंद भी हो चुकी हैं। पिछले 21 वर्षों में देश में 12 एयरलाइंस कंपनियों ने दम तोड़ा है।
दो दशक में बंद हुई 12 कंपनियां
पिछले दो दशक में भारतीय विमानन क्षेत्र में कुल 12 कंपनियां बंद हो गई हैं। इनमें विजय माल्या की किंगफिशर से लेकर के एयर सहारा तक शामिल हैं। 1987 से लेकर के 2016 तक यह कंपनियां पहले खुली और फिर बंद होती गईं। ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादा लागत और कम मुनाफे के चलते इनका घाटा लगातार बढ़ता गया। वहीं हवाई ईंधन के लिेए भी कंपनियों को काफी पैसा खर्च करना पड़ा।
एयर सहारा को जेट एयरवेज ने था खरीदा
एयर सहारा को जेट एयरवेज ने 2007 में खरीदा था और इसे जेट लाइट के नाम से चलाने लगा था। 1987 में सबसे पहले वायुदूत नाम की कंपनी बंद हो गई थी। इसके बाद से कंपनियों के बंद होने का सिलसिला चल पड़ा।
ईस्ट वेस्ट एयरलाइंस
1996 में ईस्टवेस्ट एयरलाइंस, 1997 में दमानिया एयरवेज और एनईपी, 1996 में मोदीलुत्फ, 2000 में अर्चना एयरवेज बंद हो गई थी। 2007 में एयर डेक्कन को किंगफिशर एयरलाइन ने खरीद लिया था।
दमानिया एयरवेज
परवेज दमानिया ने दमानिया एयरलाइंस की शुरुआत 1993 में की थी और यह कंपनी 1997 में सेवा से बाहर हो गई। मोदीलफ्ट की शुरुआत 1993 में हुई थी। घरेलू उड़ानों वाली यह कंपनी 96 तक सेवा में रही। बाद में इसे अजय सिंह ने खरीद लिया और फिर 2005 में नाम बदलकर स्पाइसजेट कर दिया। अर्चना एयरवेज की 1993 में शुरुआत हुई थी और कंपनी ने वर्ष 2000 में विमानन कारोबार समेट लिया।
एयर डेक्कन
इस एयरलाइंस की शुरुआत 2003 में हुई थी। इसे 2007 में किंगफिशर ने खरीद लिया। गोपाल कांडा ने 2007 में एमडीएलआर एयरलाइंस की शुरुआत की थी लेकिन कंपनी महज दो साल बाद 2009 में बंद हो गई थी। बेंगलुरु की एयर पेगासस कंपनी ने अप्रैल 2015 में हवाई यात्रा की शुरुआत की और एक साल के भीतर ही कंपनी इस दौड़ से बाहर भी हो गई।
किंगफिशर
सबसे चर्चित मामला किंगफिशर का ही है। लग्जरी उड़ानों के लिए फेमस रही किंगफिशर एयरलाइंस 2012 में बंद हो गई और इसके मालिक विजय माल्या सरकारी बैंकों का कर्ज लेकर विदेश भाग गए। पैरामाउंट 2005 में बिजनेस क्लास के यात्रियों पर फोकस करते हुए शुरू हुई एयरलाइंस कंपनी ने 2010 तक उड़ान भरी।