Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Apr, 2018 04:09 PM
आयकर विभाग ने देश के दिग्गज बैंकों को नोटिस भेजकर मिनिमम बैलेंस के एवज मे वसूले गए पेनाल्टी पर टैक्स भुगतान करने को कहा है। इसी प्रकार डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और अन्य सेवाओं के लिए बैंक की ओर से ली जाने वाली राशि भी टैक्स के दायरे में आ सकती...
नई दिल्ली: आयकर विभाग ने देश के दिग्गज बैंकों को नोटिस भेजकर मिनिमम बैलेंस के एवज मे वसूले गए पेनाल्टी पर टैक्स भुगतान करने को कहा है। इसी प्रकार डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और अन्य सेवाओं के लिए बैंक की ओर से ली जाने वाली राशि भी टैक्स के दायरे में आ सकती है।
इन बैंकों को मिला नोटिस
आयकर विभाग ने भारतीय स्टेट बैंक, एच.डी.एफ.सी., आई.सी.आई.सी.आई. बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक को ग्राहकों की ओर से मिनिमम अकाउंट बैलेंस रखनें पर दी जाने वाली फ्री सर्विसेज के एवज में टैक्स की मांग की है। यह टैक्स पिछली तारीख से मांगा गया है जो हजारों करोड़ में होगा। डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स इंटेलिजेंस (DGGST) ने इन बैंकों को इस मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह नोटिस दूसरे बैंकों को भी भेजा जा सकता है।
जितना वसूला जुर्मना उसी आधार पर टैक्स
जिन अकाउंट्स में मिनिमम बैलेंस मेनटेन हो रहे रहे हैं, उन पर टैक्स की मांग उसी आधार पर की गई है जिस आधार पर बैंक मिनिमम बैलेंस मेनटेन नहीं करने वाले ग्राहकों से चार्ज लेते हैं। यानी, मिनिमम अकाउंट बैलेंस मेनेटन नहीं करनेवाले ग्राहकों से बैंक जितनी रकम जुर्माने के रूप में वसूलते हैं, मिनिमम बैलेंस मेनटेन करनेवाले हर अकाउंट पर भी उतनी ही रकम जोड़कर टैक्स की गणना की जाएगी।
बैंक और ग्राहक दोनों को टेंशन
बैंकों से पिछले 5 साल का टैक्स मांगा गया है लेकिन बैंकों को चिंता है कि पिछली तारीख से ग्राहकों से टैक्स की मांग नहीं कर सकते। अगर इस टैक्स को बहाल रखा जाता है तो आगे चलकर इसका बोझ ग्राहकों को उठाना पड़ेगा।
खत्म हो सकती हैं ये फ्री सेवाएं
अकाउंट में ऐवरेज मिनिमम बैलेंस मेनटेन करने की वजह से आपको कई मुफ्त सेवाएं मिलती हैं लेकिन यदि बैंकों को टैक्स देना पड़ा तो एटीएम ट्रांजैक्शन, फ्यूल सरचार्ज रिफंड, चेक बुक, डेबिट कार्ड आदि की सेवाएं फ्री नहीं मिल पाएंगी।