ध्यान दें! 30 जून के बाद बदल जाएंगे बैंक खाते से जुड़े ये नियम, नहीं मिलेगी छूट

Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Jun, 2020 11:29 AM

these rules related to bank account will change after 30th june

आपके बैंक अकाउंट से जुड़े कुछ नियम 30 जून के बाद से बदल जाएंगे। दरअसल, मार्च के अंतिम सप्ताह में पहली बार देशभर में लॉकडाउन के ऐलान के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

बिजनेस डेस्कः आपके बैंक अकाउंट से जुड़े कुछ नियम 30 जून के बाद से बदल जाएंगे। दरअसल, मार्च के अंतिम सप्ताह में पहली बार देशभर में लॉकडाउन के ऐलान के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करोड़ों बैंक अकाउंट होल्डर्स के लिए एक खास ऐलान किया था। वित्त मंत्री ने बताया था कि किसी भी बैंक सेंविंग्स अकाउंट में तीन महीनों के लिए 'औसत न्यूनतम बैलेंस' रखने की अनिवार्यता नहीं होगी। यह अप्रैल, मई और जून के​ लिए लागू हुआ था। अभी तक वित्त मंत्रालय या किसी भी बैंक की तरफ से इस बारे में स्पष्टता नहीं मिली है कि इस छूट को आगे भी बढ़ाया जाएगा या नहीं।

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सरकार के इस फैसले का मतलब था कि अगर इन तीन महीनों के दौरान किसी बैंक अकाउंट में औसत न्यूनतम बैलेंस नहीं रहता है तो बैंक इस पर पेनल्टी नहीं वसूल सकेंगे। हर बैंक अपने हिसाब से न्यूनतम बैलेंस तय करता है। इन औसत रकम को हर महीने अकाउंट में मेंटेन करना होता है। ऐसा नहीं करने पर बैंक ग्राहकों से पेनाल्टी वसूलता है लेकिन अब तक इस छूट को जून से आगे बढ़ाने के बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

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SBI नहीं वसूलेगा ​मिनिमम बैलेंस चार्ज
केंद्र सरकार के ऐलान के पहले ही भारतीय स्टेट बैंक ने कहा था कि वो सभी सेविंग्स बैंक अकाउंट पर औसत न्यूनतम बैलेंस की बाध्यता को खत्म कर रहा है। देश के इस सबसे बड़े बैंक ने 11 मार्च को एक बयान जारी कर कहा, 'एसबीआई के सभी 44.51 करोड़ सेविंग्स बैंक अकाउंट पर औसत न्यूनतम बैलेंस नहीं रखने पर कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा।' इसके पहले मेट्रो शहरों में एसबीआई सेविंग्स आकउंट में न्यूनतम 3,000 रुपए रखना अनिवार्य था। इसी प्रकार अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह रकम क्रमश: 2,000 रुपए और 1,000 रुपए था। मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर एसबीआई ग्राहकों से 5-15 रुपए प्लस टैक्स वसूलता था।

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ATM विड्रॉल चार्ज से भी मिली थी राहत
औसत न्यूनतम बैलेंस के साथ ही केंद्र सरकार ने एटीएम से कैश विड्रॉल पर लगने वाले चार्ज से भी राहत दी थी। वित्त मंत्री ने कहा कि डेबिट कार्ड होल्डर्स तीन महीनों के लिए किसी भी बैंक के एटीएम से कैश विड्रॉल कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें कोई चार्ज नहीं देना होगा. इस दौरान वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया था कि यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि कैश निकालने के लिए कम से कम संख्या में लोग बैंक शाखाओं में जाए।

प्राइवेट सेक्टर के दो बड़े बैंकों की बात करें तो HDFC Bank और ICICI Bank मिनिमम बैलेंस अनिवार्य रखते हैं। ऐसा नहीं करने पर ग्राहकों से एक तय चार्ज वूसला जाता है। हालांकि, सरकार द्वारा तीन महीनों की छूट इन बैंकों पर भी लागू है। आइए जानते हैं इन दोनों बैंकों में मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता के क्या नियम हैं।

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HDFC बैंक में क्या हैं मिनिमम बैलेंस का नियम?
अगर मेट्रो या शहरी क्षेत्रों में किसी ग्राहक ने एचडीएफसी बैंक में सेविंग्स अकाउंट खोल रखा है तो उनके लिए अपने खाते में कम से कम 10,000 हजार रुपए हर महीने रखना अनिवार्य है। इसी प्रकार अ​र्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में यह लिमिट क्रमश: 5000 रुपए और 2,500 रुपए की है। ग्रामीण क्षेत्रों के सेविंग्स अकांउट में अगर कोई 2,500 रुपए नहीं रखता है तो उन्हें एक साल एक दिन के लिए कम से कम 10,000 रुपए का फिक्स्ड डिपॉजिट करवाना अनिवार्य होता है।

ICICI बैंक में क्या है नियम?
मेट्रो या शहरी क्षेत्रों में आईसीआईसीआई बैंक में सेविंग्स अकाउंट के लिए यह अनिवार्यता 10,000 रुपए की है। अर्ध-शहरी क्षेत्रों में यह 5,000 रुपए और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 2,000 रुपए है। कुछ सूदुर ग्रामीण इलाकों में मिनिमम बैलेंस की लिमिट 1,000 रुपए की है। मिनिमम बैलेंस नहीं मेंटेन करने पर आईसीआईसीआई बैंक मेट्रो, शहरी और अर्ध-शहरी इलाकों में ग्राहकों से 100 रुपए और जितनी रकम कम है, उसका 5 फीसदी चार्ज के तौर पर वसूलता है।


 

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