Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Apr, 2020 11:16 AM
केंद्र सरकार कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित सेक्टर्स को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) राहत पैकेज देने पर विचार कर रही है। मामले से वाकिफ लोगों के मुताबिक, कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित
नई दिल्लीः केंद्र सरकार कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित सेक्टर्स को गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) राहत पैकेज देने पर विचार कर रही है। मामले से वाकिफ लोगों के मुताबिक, कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित एविएशन, रेस्त्रां और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर्स को 6 महीने तक जीएसटी न चुकाने की छूट दी जा सकती है। इसके साथ ही, रियल एस्टेट सेक्टर के लिए जीएसटी दर घटाया जा सकता है। अन्य प्रस्तावों में कैश सिस्टम के आधार पर जीएसटी लगाए जाने पर विचार किया जा रहा है। फिलहाल, इनवॉयस आधारित सिस्टम पर टैक्स लगाया जाता है। कई देशों ने कोरोना से बने हालात में टैक्स पेमेंट पर अस्थायी रोक लगाई है।
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके अलावा लॉकडाउन के चलते जिनको पेमेंट नहीं मिला है, उनको बिक्री पर जीएसटी राहत देने पर विचार हो रहा है। नकदी की तंगी से जूझ रही यूनिट्स को इन उपायों से राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि इन प्रस्तावों पर अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल करेगी, जो जीएसटी फैसला करने वाली शीर्ष संस्था है।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार इन सेक्टर्स को कुछ समय के लिए दूसरे वैधानिक शुल्कों से भी छूट दे सकती है। पूरा जीएसटी माफ करने की मांग हो रही है लेकिन सरकार कुछ समय के लिए जीएसटी न चुकाने की छूट देने पर विचार कर रही है। किसी सेक्टर को पूरा टैक्स माफ करने से क्रेडिट चेन में दिक्कत आएगी और समस्याएं बढ़ेंगी।
रेस्त्रां पर 5 फीसदी जीएसटी लगता है, वहीं हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में कई दरें हैं। 7500 रुपए से ऊपर किराए वाले कमरों पर 18 फीसदी जीएसटी और इससे कम किराए वाले कमरे पर 12 फीसदी जीएसटी लगता है। इकोनॉमी क्लास ट्रैवल पर जीएसटी 5 फीसदी है जबकि बिजनेस क्लास पर 12 फीसदी जीएसटी है। रियल एस्टेट सेक्टर के लिए प्रस्ताव है कि रेट बिना क्रेडिट के 5 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी किया जाए। वहीं, क्रेडिट के साथ इसे 12 से घटाकर 8 फीसदी किया जाए।