Edited By rajesh kumar,Updated: 17 Oct, 2020 04:32 PM
सरकार ने रेहड़ी-पटरी और छोटी-मोटी दुकान चलाने वालों के लिए खास योजना का एलान किया है। इसके तहत शुरुआती कार्यगत पूंजी के लिए 10,000 रुपये तक का कर्ज दिया जाएगा।
नई दिल्ली: सरकार ने रेहड़ी-पटरी और छोटी-मोटी दुकान चलाने वालों के लिए खास योजना का एलान किया है। इसके तहत शुरुआती कार्यगत पूंजी के लिए 10,000 रुपये तक का कर्ज दिया जाएगा। इंडियन बैंक ने केंद्र की स्वनिधि योजना के तहत रेहड़ी पटरी वालों को सब्सिडी के भुगतान के लिए भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) के साथ सहमति ज्ञापन किया है। इंडियन बैंक की प्रबंध निदेशक (सीईओ) पद्मजा चुंदरू ने अपने बयान में कहा कि हमारे लिए यह सम्मान की बात है कि बैंक इस योजना से जुड़ा है।
पटरी तथा हॉकरों को लोन उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना पेश की है। पद्मजा चुंदरू ने कहा कि, इंडियन बैंक ने स्वनिधि योजना के लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के जरिये ब्याज सहायता भुगतान करने को एकीकृत ऑनलाइन प्रणाली तैयार की है। उन्होंने बताया कि बैंक ने दीनदयाल अंत्योदय योजना के लिए डिजिटलीकरण कार्यक्रम सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
50 लाख लोगों को मिलेगा लोन
प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना को एक जून को शुरू किया गया था। इस योजना को शुरू करने का मकसद कोविड-19 की मार से प्रभावित हुए रेहड़ी-पटरी वालों को अपनी आजीविका फिर शुरू करने के लिए सस्ता लोन उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत 10 हजार रुपए का लोन मिलता है। लोन को आसान शर्तों के साथ दिया जाता है। यह एक तरह का अनसिक्योर्ड लोन है। इस योजना का लाभ इस साल 24 मार्च या उससे पहले रेहड़ी-पटरी लगाने वाले 50 लाख लोगों को मिलेगा।
अब तक मिले 20.50 लाख से अधिक कर्ज आवेदन
रेहड़ी-पटरी, ठेले वाले लोगों के पास अगर पहचान पत्र और विक्रय प्रमाण पत्र नहीं है तो उन्हें भी प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का लाभ मिलेगा। योजना के तहत विक्रेता 10,000 रुपये तक की कार्यशील पूंजी का ऋण ले सकते हैं। इस योजना के तहत 6 अक्टूबर तक 20.50 लाख से अधिक कर्ज आवेदन मिले हैं, जिनमें से 7.85 लाख से अधिक मामलों को मंजूरी दी जा चुकी है और 2.40 लाख से अधिक मामलों में रकम दे दी गई है।