Edited By Supreet Kaur,Updated: 16 Apr, 2018 11:57 AM
कर्ज में दबी जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण की होड़ में लक्षद्वीप प्राइवेट लिमिटेड 7,350 करोड़ रुपए की बोली के साथ अग्रणी दावेदार बनकर उभरी है जबकि इससे पहले यह किसी चर्चा में नहीं थी। जेपी इंफ्राटेक का दिवाला एवं ऋणशोधन कानून के तहत निस्तारण किया जा...
नई दिल्लीः कर्ज में दबी जेपी इंफ्राटेक के अधिग्रहण की होड़ में लक्षद्वीप प्राइवेट लिमिटेड 7,350 करोड़ रुपए की बोली के साथ अग्रणी दावेदार बनकर उभरी है जबकि इससे पहले यह किसी चर्चा में नहीं थी। जेपी इंफ्राटेक का दिवाला एवं ऋणशोधन कानून के तहत निस्तारण किया जा रहा है। हालांकि लक्षद्वीप की यह बोली जेपी इंफ्राटेक के उस प्रस्ताव से कम है जो उसने करीब एक साल पहले कर्जदाताओं को कर्ज के भुगतान के लिए रखा था।
मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सुधीर वालिया की सुरक्षा एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी और मुंबई केंद्रित दोस्ती रियल्टी की संयुक्त इकाई लक्षद्वीप प्राइवेट लिमिटेड ने बैंकों को नकद में 1,200 करोड़ रुपए देने के साथ चार हजार करोड़ रुपए का भूखंड देने का प्रस्ताव रखा है। प्रस्ताव का शेष हिस्सा गैर-परिवर्तनीय दीर्घावधिक ऋण-पत्र के रूप में देने का प्रस्ताव है। लक्षद्वीप प्राइवेट लिमिटेड ने बोली में अदानी समूह को पछाड़ा है। अदानी समूह ने 1,200 करोड़ रुपए नकद, 3,500 करोड़ रुपए की जमीन और 3000 करोड़ रुपए के पिछली अविध के बांड का प्रस्ताव किया है जिनका वर्तमान मूल्यांकन 500-1000 करोड़ रुपए है।