इस कारण जल्द ही बढ़ने वाली है ट्रांसपोर्टरों की परेशानी!

Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Aug, 2017 05:40 PM

this is due to the trouble of transporters soon

1 अक्टूबर से देश में कहीं भी माल ढुलाई के लिए ट्रांसपोर्टर को अब ई-वे बिल जारी करना होगा

नई दिल्लीः 1 अक्टूबर से देश में कहीं भी माल ढुलाई के लिए ट्रांसपोर्टर को अब ई-वे बिल जारी करना होगा। 50 हजार रुपए से ज्यादा के माल के मूवमेंट पर सप्लायर को जानकारी जी.एस.टी.एन. पोर्टल में दर्ज करानी होगी और ई-वे बिल जनरेट करना होगा। सरकार का दावा है कि इससे माल ढुलाई में तेजी आएगी, लेकिन ट्रांसपोर्टर्स का कहना है कि इससे परेशानियां बढ़ेंगी। देश में ट्रकों से माल ढुलाई में इतना वक्त लग जाता है कि परिवहन के दौरान ही 40 फीसदी फल और सब्जियां खराब हो जाती हैं। सरकार कहती रही है कि जी.एस.टी. आएगा और ट्रांसपोर्ट की राह के रोड़ हटाएगा। लेकिन ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि तेज ट्रांसपोर्ट का ख्वाब, ख्वाब ही रह जाएगा।

ट्रांसपोर्टरों को डर है कि टैक्स अधिकारी जहां मर्जी वहां गाड़ी रोककर बिल और सामान की जांच करेंगे। ट्रांसपोर्टरों के मुताबिक देरी इसलिए भी होगी क्योंकि हर बार गाड़ी बदलते वक्त नया ई-वे बिल जेनरेट करना होगा। एक ही ट्रक से जा रहे अलग-अलग सामान के लिए अलग बिल होगा। जितने राज्यों में बिजनेस होगा, उतनी जगह रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा। ट्रांसपोर्टर परेशानी की एक वजह दूरी के हिसाब से ई-वे बिल की वैलिडिटी को भी बताते हैं। मसलन 100 किलोमीटर से कम दूरी के लिए 1 दिन, 300 किलोमीटर से कम के लिए 3 दिन और 500 किलोमीटर तक के लिए 5 दिन। इतने सब के बावजूद ड्राइवर को अपने पास हार्ड-कॉपी रखनी होगी। ट्रांसपोर्टर इन तमाम चीजों के कारण परेशानी बढ़ती देख रहे हैं।

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