Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Sep, 2019 05:31 PM
कृषि राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला ने शुक्रवार को कहा कि चालू मानसून सत्र में बरसात अच्छी होने से देश में खरीफ उत्पादन पिछले साल के 14 करोड़ 17.1 लाख टन से कहीं अधिक रहेगा। मंत्री ने कहा कि बाढ़ की वजह से कुछ राज्यों में खरीफ की फसलें
नई दिल्लीः कृषि राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला ने शुक्रवार को कहा कि चालू मानसून सत्र में बरसात अच्छी होने से देश में खरीफ उत्पादन पिछले साल के 14 करोड़ 17.1 लाख टन से कहीं अधिक रहेगा। मंत्री ने कहा कि बाढ़ की वजह से कुछ राज्यों में खरीफ की फसलें प्रभावित हुई हैं लेकिन इससे कुल उत्पादन पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
कृषि-रबी अभियान विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन के मौके पर रूपाला ने कहा, "खरीफ की फसल की स्थिति अच्छी है। कुछ स्थानों पर, अधिक बारिश के कारण फसल को नुकसान हुआ है। फिर भी, हम पिछले साल की तुलना में इस बार खरीफ फसलों का उत्पादन बेहतर करेंगे।" बाढ़ की वजह से कम से कम 12 राज्य प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा: "नियमित अंतराल पर बारिश होते से फसलों की वृद्धि अच्छी है।"
फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) के चालू खरीफ सत्र में बोई जाने वाली फसलों का रकबा 1,054.13 लाख हेक्टेयर पर अपरिवर्तित बना रहा। ताजा सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चालू सत्र में धान का रकबा 5.25 लाख हेक्टेयर घटकर 378.62 लाख हेक्टेयर है जबकि दलहन का रकबा 2.41 लाख हेक्टेयर घटकर 132.99 लाख हेक्टेयर रह गया। हालांकि, मोटे अनाजों का रकबा 3.1 लाख हेक्टेयर बढ़कर 178.12 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि उक्त अवधि में तिलहन का रकबा 178 लाख हेक्टेयर पर अपरिवर्तित बना रहा।
अधिकारी ने कहा कि अच्छे मानसून के कारण अब मिट्टी की नमी बेहतर होने से रबी की बुवाई की संभावनाएं उज्ज्वल दिख रही हैं और जलाशय भी भरे हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रबी फसलें ज्यादातर सिंचित क्षेत्र में उगाई जाती हैं। रबी सत्र में मक्का और सरसों का रकबा अधिक होने की उम्मीद है। इससे पहले सम्मेलन को संबोधित करते हुए, रूपाला ने राज्यों से कहा कि वे तिलहन के रकबे और उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान दें तथा खाद्य तेलों के आयात पर देश की निर्भरता को कम करें। राज्यों को किसानों को तिलहन उगाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।