Edited By ,Updated: 28 Mar, 2017 12:27 PM
सरकार ने सोमवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े चार विधेयक लोकसभा में पेश किए जिसमें...
नई दिल्लीः सरकार ने सोमवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े चार विधेयक लोकसभा में पेश किए जिसमें जीएसटी की अधिकतम दर 40 प्रतिशत तय की गई है। ये हैं- सी-जीएसटी, आई-जीएसटी, यूटी-जीएसटी और मुआवजा कानून का बिल। हालांकि, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि 40 प्रतिशत की दर का प्रावधान सिर्फ आपात स्थिति के लिए रखा गया है जबकि सामान्य स्थिति में अधिकतम दर 20 प्रतिशत होगी।जानिए जी.एस.टी. बिल के अहम प्रावधानः
कर चोरी पर 5 साल की जेल
ट्रांजैक्शन छिपाने या कर चोरी करने पर जेल हो सकती है। गिरफ्तारी का आदेश टैक्स कमिश्नर या उसके ऊपर के अधिकारी का होगा। दोषी को 5 साल की जेल या जुर्माना हो सकता है।
ई-कॉमर्स पर भी जी.एस.टी.
ई-कॉमर्स कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करने पर सप्लायर्स को भुगतान करने से पहले टैक्स काटेंगी। यह अधिकतम 1% होगा।
छोटे बिजनेस को राहत
सालाना 50 लाख रुपए तक बिजनेस करने वाले निर्माताओं को टर्नओवर के 1% टैक्स देना होगा। सप्लायर्स के लिए यह रेट 2.5 % होगा।
मुनाफाखोरी पर लगाम
जिन वस्तुओं पर कम टैक्स लगेगा, उसका फायदा ग्राहकों को मिलेगा। एेसा नहीं करने वालों पर कार्रवाई होगी। नजर रखने के लिए अथॉरिटी बनेगी।
डिमेरिट गुड्स पर सैस
तंबाकू, पान मसाला, लक्जरी कार पर 28 टैक्स के अलावा सैस भी लगेगा। पान मसाला पर अधिकतम 135% , सिगरेट पर 290%, लक्जरी कार और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पर 15% टैक्स लगाने का प्रावधान है। इसी सैस से मुआवजा फंड बनेगा।
मुआवजा फंड में बची रक्म का आधा केंद्र को मिलेगा
जी.एस.टी. के तहत बनाए गए मुआवजा फंड में से 5 साल तक अधिकांश हिस्सेदारी केंद्र रखेगा। जी.एस.टी. काउंसिल ने इस फंड में से बराबर-बराबर हिस्सेदारी की बात कही है जो कि पूर्व के उस फैसले के ठीक उलट है जो कि राज्यों के फायदे में था।