कल से थम जाएंगे लाखों ट्रकों के पहिए, ट्रांसपोर्टर्स ने दी हड़ताल की धमकी

Edited By Supreet Kaur,Updated: 19 Jul, 2018 11:47 AM

thousands of trucks will be stopped from tomorrow

ट्रकों के लिए लोडिंग क्षमता नियमों में बदलाव के बावजूद ट्रक ट्रांसपोर्टर्स नहीं माने हैं और शुक्रवार को देशभर में हड़ताल की धमकी दी है। केंद्र सरकार ने ट्रांसपोर्टरों की 20 जुलाई से प्रस्तावित हड़ताल के बीच वाहनों के लिए भार वहन सीमा (एक्सैल लोड...

बिजनेस डेस्कः ट्रकों के लिए लोडिंग क्षमता नियमों में बदलाव के बावजूद ट्रक ट्रांसपोर्टर्स नहीं माने हैं और शुक्रवार को देशभर में हड़ताल की धमकी दी है। केंद्र सरकार ने ट्रांसपोर्टरों की 20 जुलाई से प्रस्तावित हड़ताल के बीच वाहनों के लिए भार वहन सीमा (एक्सैल लोड सीमा) 37 प्रतिशत तक बढ़ा दी है लेकिन सरकार का यह निर्णय ट्रांसपोर्टरों को रास नहीं आया।

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ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि इससे उन्हें लंबी अवधि में नुक्सान ही होगा। प्रस्तावित हड़ताल के बीच सरकार के इस निर्णय को हड़ताल खत्म कराने की दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है लेकिन ट्रांसपोर्टर इस निर्णय के कारण हड़ताल वापस लेने से इंकार कर रहे हैं। सरकार ने भारी वाहनों के लिए मालवहन क्षमता में भले ही करीब 18 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है लेकिन वाहन निर्माताओं का कहना है कि वे इस तरह के वाहन का उत्पादन करने के लिए तैयार नहीं हैं।

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ट्रांसपोर्टरों को फायदे के साथ नुक्सान भी
ऑल इंडिया ट्रांसपोर्टर्स वैल्फेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप सिंघल ने बताया कि ट्रकों में पहले से ज्यादा माल ढोने की इजाजत देने के फैसले से ट्रांसपोर्टरों को फायदे के साथ नुक्सान भी है। ज्यादा माल ढुलाई से लागत में कुछ कमी आएगी लेकिन ज्यादा माल ढोने से ट्रक पर बोझ बढ़ेगा और उसकी उम्र घटने के साथ रखरखाव पर ज्यादा खर्च आएगा।

छोटे ट्रांसपोर्टरों से छिनेगा कारोबार 
दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर कहते हैं कि एक्सैल लोड बढ़ने से खासकर छोटे ट्रांसपोर्टरों से कारोबार छिनेगा क्योंकि माल ढोने के लिए अब पहले से कम ट्रकों की जरूरत होगी। ऑल इंडिया मोटर कांग्रेस के महासचिव नवीन कुमार कहते हैं कि सरकार के फैसले में अभी इस बात को लेकर असमंजस है कि यह पुराने ट्रकों पर भी लागू होगा या नहीं।

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सब्जियां होंगी महंगी
बता दें कि अगर यह हड़ताल ज्यादा समय तक चली तो सब्जियों की कीमतें बढ़ सकती हैं, क्‍योंकि ये सबसे अधिक प्रभावित होती हैं। इसी तरह, सब्जियों के बाद सबसे अधिक प्रभावित दूध होने जा रहा है। सब्जियों के बिना लोग दो दिन रह भी सकते हैं, लेकिन दूध उससे अधिक जरूरी चीज है। गेहूं, आटा, चावल, दाल की आवाजाही भी हड़ताल से प्रभावित होने जा रही है।

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