Edited By Seema Sharma,Updated: 27 Aug, 2020 12:28 PM
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि लोन समाधान ढांचे से COVID-19 संबंधी बाधाओं का सामना कर रहे कर्जदारों को टिकाऊ राहत मिलने की उम्मीद है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महामारी की रोकथाम के बाद अर्थव्यवस्था को मजबूती के रास्ते पर लाने के...
बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ब्याज दरों में आगे और कटौती के संकेत देते हुए गुरुवार को कहा कि कोरोना महामारी से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए किए गए उपायों को जल्द नहीं हटाया जाएगा। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक कार्यक्रम में कहा कि चाहे दर में कटौती हो या फिर अन्य नीतिगत कदम, हमारे तरकश के तीर अभी खत्म नहीं हुए हैं। RBI ने 6 अगस्त को जारी नीतिगत समीक्षा में रेपो दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। केंद्रीय बैंक इससे पहले पिछली दो बैठकों में नीतिगत दर में 1.15 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। फिलहाल रेपो दर चार प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत और सीमांत स्थायी सुविधा (एमसीएफ) दर 4.25 प्रतिशत है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि महामारी की रोकथाम के बाद अर्थव्यवस्था को मजबूती के रास्ते पर लाने के लिए सावधानी के साथ आगे बढ़ना होगा। केंद्रीय बैंक द्वारा पिछले दिनों घोषित राहत उपायों के बारे में दास ने कहा कि किसी भी तरह से यह नहीं मानना चाहिए कि RBI उपायों को जल्द हटा लेगा। RBI गवर्नर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप और अन्य पहलुओं पर एक बार स्पष्टता होने के बाद आरबीआई मुद्रास्फीति और आर्थिक वृद्धि पर अपने पूर्वानुमान देना शुरू कर देगा।
RBI गवर्नर दास ने कहा कि कुल मिलाकर, बैंकिंग क्षेत्र लगातार मजबूत और स्थिर बना हुआ है और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का एकीकरण सही दिशा में एक कदम है। दास ने कहा कि बैंकों का आकार जरूरी है, लेकिन दक्षता इससे भी महत्वपूर्ण है। RBI गवर्नर ने कहा कि बैंक तनाव का सामना करेंगे, यह जाहिर-सी बात है, लेकिन अधिक महत्वपूर्ण यह है कि बैंक चुनौतियों के समक्ष किस तरह से प्रतिक्रिया देते हैं और उसका सामना करते हैं।’’