खाने के तेल की जमाखोरी रोकने के लिए सरकार का एक्शन, लगाई स्टॉक लिमिट

Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Oct, 2021 03:33 PM

to soften the prices in the domestic market the government imposed

सरकार ने घरेलू बाजार में कीमतों में नरमी के लिए रविवार को खाद्य तेलों के व्यापारियों पर 31 मार्च तक स्टॉक या भंडारण की सीमा लगा दी है। हालांकि, कुछ आयातकों-निर्यातकों को इससे छूट दी गई है। एनसीडीईएक्स मंच पर आठ अक्टूबर से सरसों तेल के वायदा

नई दिल्लीः सरकार ने घरेलू बाजार में कीमतों में नरमी के लिए रविवार को खाद्य तेलों के व्यापारियों पर 31 मार्च तक स्टॉक या भंडारण की सीमा लगा दी है। हालांकि, कुछ आयातकों-निर्यातकों को इससे छूट दी गई है। एनसीडीईएक्स मंच पर आठ अक्टूबर से सरसों तेल के वायदा कारोबार पर पहले ही रोक लगा दी गई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले एक साल के दौरान घरेलू खुदरा बाजारों में खाद्य तेलों के दाम 46.15 प्रतिशत तक चढ़े हैं।

वैश्विक कारकों के अलावा घरेलू बाजार में आपूर्ति प्रभावित होने की वजह से खाद्य तेलों के दाम बढ़ रहे हैं। खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘केंद्र के इस फैसले से घरेलू बाजार में खाद्य तेल कीमतों में नरमी आएगी। इससे देशभर में उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।'' सभी राज्यों को जारी आदेश के अनुसार, राज्य सरकारें तथा संघ शासित प्रदेश उपलब्ध स्टॉक तथा उपभोग के रुख के आधार पर खाद्य तेलों तथा तिलहनों के भंडारण की सीमा पर फैसला करेंगे। 

हालांकि, कुछ आयातकों तथा निर्यातकों को स्टॉक की सीमा से छूट दी गई है। यह छूट उन निर्यातकों को होगी जिनके पास विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से जारी आयातक-निर्यातक कोड होगा और वे यह बता सकेंगे कि उनके पास पूरा या कुछ स्टॉक निर्यात के उद्देश्य से है। मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा ऐसे आयातकों को इससे छूट मिलेगी जो यह बताने में सक्षम होंगे कि खाद्य तेलों तथा तिलहनों के संदर्भ में उनके भंडार का कुछ हिस्सा आयात किया गया है। मंत्रालय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊंची कीमतों से घरेलू बाजार में भी खाद्य तेलों के भाव बढ़े हैं। 

कितनी है तेल की कीमत
उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सोया तेल का औसत दाम इस साल नौ अक्टूबर को 154.95 रुपए किलो था, जो एक साल पहले की समान अवधि के 106 रुपए से 46.15 प्रतिशत अधिक है। इसी तरह सरसों तेल का दाम 129.19 रुपए से 43 प्रतिशत बढ़कर 184.43 रुपए पर प्रति किलो पर पहुंच गया है। इस अवधि में वनस्पति का दाम 43 प्रतिशत बढ़कर 95.5 रुपए से 136.74 रुपए प्रति किलोग्राम हो गया है। सूरजमुखी का तेल 38.48 प्रतिशत बढ़कर 170.09 रुपए प्रति किलो तथा पाम तेल 38 प्रतिशत बढ़कर 132.06 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गया है। भारत अपनी 60 प्रतिशत खाद्य तेल जरूरत को आयात से पूरा करता है। 

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