Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Aug, 2019 11:39 AM
ऑनलाइन फूड बुकिंग व डिलीवरी करने वाली कंपनी जोमैटो और रेस्टोरेंट मालिकों के बीच पैदा हुआ गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। जोमैटो ने पिछले दो साल में ऐसी बिजनेस स्ट्रैटजी बनाई कि रेस्टोरेंट्स उससे नाराज हो गए हैं।
बिजनेस डेस्कः ऑनलाइन फूड बुकिंग व डिलीवरी करने वाली कंपनी जोमैटो और रेस्टोरेंट मालिकों के बीच पैदा हुआ गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। जोमैटो ने पिछले दो साल में ऐसी बिजनेस स्ट्रैटजी बनाई कि रेस्टोरेंट्स उससे नाराज हो गए हैं। अपने गोल्ड प्रोग्राम के जरिए जोमैटो ने ग्राहकों को तो खूब डिस्काउंट दिए, मगर नुकसान रेस्टोरेंट्स को उठाना पड़ा।
क्या है Zomato Gold प्रोग्राम
जोमैटो ने अपने गोल्ड प्रोग्राम के जरिए 400 मिलियन डॉलर (2800 करोड़ रुपए) जुटाए हैं। हालांकि, कंपनी ने अपनी गलती मान ली हैं लेकिन ग्राहकों पर भी इसका दोष मढ़ा है। यह राशि कंपनी की स्थापना के समय से अर्जित कुल राशि का 60 फीसदी है। इस प्रोग्राम के तहत कंपनी गोल्ड क्लब के मेंबर्स को टेबल बुकिंग पर 50 फीसदी तक का डिस्काउंट उपलब्ध कराती है। रेस्टोरेंट मालिकों का कहना है कि भारी डिस्काउंट से उनके बिजनेस को काफी नुकसान हो रहा है। इसके विरोध में विभिन्न शहरों में करीब 1200 से अधिक रेस्टोरेंट जोमैटो गोल्ड प्लेटफॉर्म से खुद को अलग कर चुके हैं। कंपनी ने रेस्टोरेंट मालिकों से अपील की है कि वह उसके प्लेटफॉर्म से ना हटें।
कंपनी ने जोमैटो गोल्ड की शुरुआत साल 2017 में की थी। कंपनी ने इस गोल्ड क्लब मेंबर्स की संख्या बढ़ाकर अपना रेवेन्यू बढ़ा लिया। वहीं रेस्टोरेंट मालिकों का कहना है कि शुरू में जिस बात को लेकर इस प्रोग्राम की शुरुआत की गई थी अब उसमें बिल्कुल ही बदलाव आ गया है।
जोमैटो गोल्ड यूजर्स की संख्या 13 लाख
पहले देशभर में गोल्ड क्लब के सदस्यों की संख्या को 5000 से 10 हजार तक सीमित रखने का प्लान था। इसका उद्देश्य ग्राहकों को आकर्षित करना और बिक्री को बढ़ाना था। हालांकि, जोमैटो गोल्ड के यूजर्स की संख्या बढ़कर 13 लाख पहुंच चुकी है। गोल्ड प्रोग्राम के तहत जोमैटो जहां एक तरफ यूजर्स से सब्सक्रिप्शन फीस लेता है वहीं रेस्टोरेंट मालिकों से भी इसमें शामिल होने के लिए जॉइनिंग फीस लेता है।
कंपनी ने मानी गलती
पहले यह फीस 40 हजार रुपए थी जो अब बढ़कर 75 हजार रुपए हो गई है। हालांकि, कंपनी ने इस बारे में अपनी गलती स्वीकार की है। जोमैटो के संस्थापक दीपेंदर गोयल ने लिखा कि हमने कहीं-ना-कहीं गलतियां की हैं। यह एक तरह से आगाह करने वाली स्थिति है कि हमें अपने रेस्टोरेंट्स पार्टनर्स के लिए पहले की गई चीजों की तुलना में 10 गुना अधिक करने की जरूरत है।