बजट 2017: साइकिल इंडस्ट्री को टफ स्कीम दी जाए

Edited By ,Updated: 14 Jan, 2017 01:37 PM

tough scheme for cycle industry in budget 2017

साइकिल निर्माण के मामले में लुधियाना देश में नम्बर एक स्थान पर है और लाखों लोगों को इस इंडस्ट्री के जरिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है

लुधियानाः साइकिल निर्माण के मामले में लुधियाना देश में नम्बर एक स्थान पर है और लाखों लोगों को इस इंडस्ट्री के जरिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है लेकिन इसके बावजूद इंडस्ट्री की कुछ मांगें लंबे समय से लंबित हैं। इस बार बजट पेश किए जाने से पूर्व इंडस्ट्री एक बार फिर वित्त मंत्री अरुण जेतली की तरफ उम्मीद की नजरों से देख रही है।

सरकार को दिए यह सुझाव
देश में स्टील निर्माता मनमाने ढंग से स्टील के दाम बढ़ा देते हैं जिस कारण इंडस्ट्री को भारी परेशानी होती है। साइकिल इंडस्ट्री स्टील के दम पर ही चलती है लेकिन यदि एक महीने में स्टील के दाम ही 8000 रुपए बढ़ जाएं तो इंडस्ट्री क्या करेगी। सरकार को इस समस्या के समाधान के लिए स्टील रैगुलेटरी कमीशन का गठन करना चाहिए। इस कमीशन की सिफारिश के बाद ही स्टील निर्माताओं को स्टील के दाम बढ़ाने की अनुमति मिलनी चाहिए। चीन भारत से आयरन खरीद कर भारत के मुकाबले 5000 रुपए सस्ता स्टील दे रहा है।

फिनिश्ड गुड्स पर लगाई जाए ड्यूटी 
दास साइकिल्स के चरणजीत विश्वकर्मा ने कहा कि इसके अलावा चीन से आ रहे सस्ते फिनिश्ड गुड्स पर ड्यूटी लगाई जाए ताकि घरेलू इंडस्ट्री को प्रोत्साहन मिल सके। स्टील कम्पनियों की मनमानी से स्टील पर तो इम्पोर्ट ड्यूटी लगाई गई है लेकिन सामान पर ड्यूटी उस दर पर नहीं है। बजट में इस तरफ जरूर ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके अलावा लुधियाना को हवाई अड्डे की दरकार है क्योंकि हवाई अड्डे के ऑप्रेशनल न होने के कारण इंडस्ट्रीयलिस्ट को भारी परेशानी होती है। यदि किसी ने लंदन जाना है तो लुधियाना से एयरपोर्ट पर जाने को 6 घंटे लग जाते हैं जबकि अगले 8 घंटे में कारोबारी लंदन पहुंच जाता है। यदि यह सुविधा लुधियाना में मिले तो विदेशी आयातक भी आसानी से लुधियाना आ सकेंगे और हमें भी ज्यादा परेशानी नहीं होगी।

आयात शुल्क कम किया जाए
साइकिल के कई ऐसे पुर्जे हैं जो यहां नहीं बनते और साइकिल निर्माताओं को ये पुर्जे चीन या अन्य देशों से आयात करने पड़ते हैं। इन पुर्जों पर आयात शुल्क 30 प्रतिशत की दर से लगता है जबकि कम्प्लीट साइकिल पर भी आयात शुल्क इतना ही है। हम पिछले लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि सरकार ऐसे पुर्जों पर आयात शुल्क की दर को कम करके 10 प्रतिशत कर दे क्योंकि यदि ये पुर्जे हमें सस्ते मिलेंगे तो हम अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीन और अन्य देशों का मुकाबला कर सकेंगे।

साइकिल ट्रैक बनाने की मांग
एवन साइकिल्स के ओंकार सिंह पाहवा ने बताया कि इससे निर्यात के साथ-साथ रोजगार भी बढ़ेगा लेकिन इस मांग की तरफ  पिछले लंबे समय से ध्यान नहीं दिया जा रहा। जब तक ऐसे पुर्जे देश में बनना शुरू नहीं हो जाते तब तक के लिए इन पर आयात शुल्क कम किया जाना चाहिए। इसके अलावा स्मार्ट सिटी में साइकिल ट्रैक बनाने की जो बात कही गई है उस पर जल्द से जल्द अमल किया जाना चाहिए और जिन शहरों का चयन स्मार्ट सिटी के लिए किया गया है उनमें साइकिल ट्रैक बनाने के लिए बजट में व्यवस्था होनी चाहिए। इससे इंडस्ट्री को प्रत्यक्ष रूप से फायदा होगा क्योंकि लोगों में साइकिलंग का ट्रैंड बढ़ेगा तो साइकिलें ज्यादा बिकेंगी। 

 

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