भारत से रोका व्यापार, पाक में जीवनरक्षक दवाओं की कमी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Oct, 2019 06:24 PM

trade stopped from india shortage of life saving drugs in pak

कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने भारत से व्यापारिक रिश्ता तोड़ने का फैसला तो कर लिया लेकिन अब यह उसे भारी पड़ रहा है। भारत और चीन से सस्ती दवाओं की सप्लाई रुकने के बाद पाकिस्तान में...

कराचीः कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने भारत से व्यापारिक रिश्ता तोड़ने का फैसला तो कर लिया लेकिन अब यह उसे भारी पड़ रहा है। भारत और चीन से सस्ती दवाओं की सप्लाई रुकने के बाद पाकिस्तान में जीवनरक्षक एंटी रेबीज दवाओं की भारी कमी हो गई है। पाकिस्तान के लिए यह संकट काफी बड़ा है, क्योंकि इन दिनों सिंध प्रांत में कुत्तों के काटने के मामलों में तेजी आ गई है। यूरोप से इन दवाओं को मंगाने का खर्च 70 फीसदी तक अधिक है।

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'रेबीज फ्री कराची' कार्यक्रम के डायरेक्टर नसीम सलाहुद्दीन ने बताया कि भारत की बजाय दूसरे देशों से वैक्सीन मंगाने का खर्च बहुत ज्यादा है। भारत से आए वैक्सीन की कीमत 1 हजार रुपए है, जबकि यूरोप से आए वैक्सीन की कीमत 70 हजार रुपए है। उन्होंने यह भी बताया कि यह जीवनरक्षक दवा अब केवल सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध है। सिंध प्रांत और राजधानी कराची के सरकारी अस्पतालों में भी इसकी कमी है। हाल के कुछ महीनों में कराची की गलियों में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ गया है। पिछले कुछ सप्ताह में सैकड़ों मामले सामने आए हैं। सोमवार रात को भी 12 लोगों को कुत्तों ने काटा जिसके बाद उन्हें अस्पतालों में पहुंचाया गया।

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पिछले कुछ महीनों में भारत से आयात रुक गया है, जबकि चीन से भी आयात निलंबित है। पाकिस्तान बड़ी मात्रा में भारतीय दवाओं का आयात करता है। जीवन रक्षक दवाओं से लेकर सांप-कुत्ते के जहर से बचाने वाली दवाओं तक के लिए वह काफी हद तक भारत पर निर्भर है, क्योंकि पाक में इसकी मैन्युफैक्चरिंग नहीं होती है। जुलाई में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने 16 महीनों के दौरान भारत से 250 करोड़ रुपए से ज्यादा के रेबीजरोधी तथा विषरोधी टीकों की खरीदारी की थी।

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भारत से कई वस्तुओं का आयात करता है पाकिस्तान
पाकिस्तान भारत को ताजे फल, सीमेंट, खनिज और अयस्क, तैयार चमड़ा, प्रसंस्कृत खाद्य, अकार्बनिक रसायन, कच्चा कपास, मसाले, ऊन, रबड़ उत्पाद, अल्कोहल पेय, चिकित्सा उपकरण, समुद्री सामान, प्लास्टिक, डाई और खेल का सामान निर्यात करता था, जबकि भारत से निर्यात किए जाने वाले जिंसों में जैविक रसायन, कपास, प्लास्टिक उत्पाद, अनाज, चीनी, कॉफी, चाय, लौह और स्टील के सामान, दवा और तांबा आदि शामिल हैं।

मरीजों को तुर्की भेजने पर विचार
कश्मीर मुद्दे पर तनाव बढ़ने के बाद भारतीय वीजा नहीं मिलने से उन पाकिस्तानी मरीजों के लिए विशेष रूप से संकट की स्थिति पैदा हुई है जो सस्ते और बेहतर इलाज के लिए भारत आना चाहते हैं। ऐसे में पाकिस्तान ने अब अपनी उम्मीदें तुर्की से लगा ली हैं। पाकिस्तान में स्तरीय चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में गंभीर रोगों से ग्रस्त मरीज इलाज अच्छी चिकित्सा सुविधा के लिए भारत आते हैं।

देशों के तनाव के कारण वीजा मिलने में होने वाली मुश्किलों ने पाकिस्तानी मरीजों की समस्या बढ़ा दी है। इससे निपटने के लिए पाकिस्तान ने अब तुर्की से बात की है और माना जा रहा है कि तुर्की के राष्ट्रपति रेसप तैयप एर्दोगान के पाकिस्तान दौरे पर इस बारे में समझौते का ऐलान किया जाएगा। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि इन समझौतों से उन पाकिस्तानी मरीजों के लिए एक राह और खुलेगी जो इससे पहले इलाज के लिए भारत जाते रहे हैं।
 

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