Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 May, 2019 11:35 AM
अमरीका और चीन के बीच व्यापार वार्ता के असफल होने का डर एशियाई देशों की करंसी मार्कीट्स पर भी हावी हो गया है। चीन की करंसी युआन में कमजोरी आ रही है और एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि रुपए का दम निकल जाएगा। रुपया अगले हफ्ते तक डॉलर के मुकाबले 70 का लैवल पार...
कोलकाताः अमरीका और चीन के बीच व्यापार वार्ता के असफल होने का डर एशियाई देशों की करंसी मार्कीट्स पर भी हावी हो गया है। चीन की करंसी युआन में कमजोरी आ रही है और एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि रुपए का दम निकल जाएगा। रुपया अगले हफ्ते तक डॉलर के मुकाबले 70 का लैवल पार कर सकता है। चीन की करंसी की वैल्यू गिरने से भारत का चालू खाता घाटा भी बढऩे का डर है।
अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के 200 अरब डॉलर के सामान पर ड्यूटी 10 से बढ़ाकर 25 फीसदी करने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि चीन पहले व्यापार वार्ता में जिन बातों पर मान गया था, अब वह उनसे पीछे हट रहा है इसलिए उन्होंने चीन से अमरीका आने वाले सामान पर आयात शुल्क बढ़ाने की धमकी दी है।
सुलह की उम्मीद कम
इस बारे में डी.बी.एस. ग्रुप रिसर्च में फॉरैक्स स्ट्रैटेजिस्ट फिलिप वी. ने कहा कि चीन और अमरीका के बीच इस मामले में शांति कायम करना आसान नहीं होगा क्योंकि ट्रम्प को इस पर अमरीका के लोगों और कांग्रेस का समर्थन मिल रहा है। अमरीका और चीन के बीच चल रही व्यापार वार्ता का नतीजा शुक्रवार को आएगा। उससे पहले भारतीय विदेशी मुद्रा बाजार में उतार-चढ़ाव जारी है। रुपया बुधवार को डॉलर के मुकाबले 30 पैसे की गिरावट के साथ 69.71 पर बंद हुआ।
इस तरह रुपए पर पड़ेगा दबाव
एस.बी.आई. के ग्रुप चीफ इकनॉमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष ने कहा कि युआन के सस्ता होने से चीन का सामान विदेशी बाजार में और सस्ता हो जाएगा। इसका मतलब यह है कि एक्सपोर्ट मार्कीट में भारत कमजोर होगा। इससे भारत का व्यापार और फिस्कल डैफीसिट भी बढ़ सकता है, जिससे रुपए पर दबाव बढ़ेगा। पिछले दो दिनों में डॉलर की तुलना में युआन 6.69 से कमजोर होकर 6.78 तक पहुंच गया है। इससे डॉलर मजबूत हुआ है और इसका भी रुपए पर बुरा असर पड़ा है। हालांकि युआन की वैल्यू में और गिरावट की आशंका से भारतीय करंसी मार्कीट की घबराहट बढ़ी है।
ट्रेड वॉर आग में घी
यूनाइटेड फाइनैंशियल कंसल्टैंट्स के डायरैक्टर के.एन. डे ने कहा कि एक तो लोकसभा चुनाव से जुड़ी अनिश्चितता से वैसे ही रुपए पर दबाव है। इस बीच अमरीका और चीन के बीच ट्रेड वॉर बढऩे की आशंका ने भारतीय करंसी के लिए आग में घी डालने का काम किया है। डे की फर्म दूसरी कम्पनियों को करंसी से जुड़ी रणनीति के बारे में सलाह देती है।