TRAI के नए टैरिफ ऑर्डर से ब्रॉडकास्टर कंपनियों में हड़कंप, बंद हो जाएंगे 100-150 चैनल

Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Jul, 2020 05:56 PM

trai s new tariff order stirs broadcaster companies will shut down

दूरसंचार नियामक (TRAI) के एक नए टैरिफ ऑर्डर से टीवी ब्रॉडकास्टर कंपनियों में इन दिनों खलबली मची हुई है। ट्राई ने उन्‍हें नए टैरिफ ऑर्डर (एनटीओ 2.0) का तुरंत पालन करने के निर्देश दिए हैं। इन कंपनियों का कहना है

बिजनेस डेस्कः दूरसंचार नियामक (TRAI) के एक नए टैरिफ ऑर्डर से टीवी ब्रॉडकास्टर कंपनियों में इन दिनों खलबली मची हुई है। ट्राई ने उन्‍हें नए टैरिफ ऑर्डर (एनटीओ 2.0) का तुरंत पालन करने के निर्देश दिए हैं। इन कंपनियों का कहना है कि अगर न्यू टैरिफ ऑर्डर लागू हुआ तो देश के 100-150 चैनल बंद हो जाएंगे। रेवेन्यू के लिए संघर्ष कर रहे चैनलों पर यह काफी भरेगा पड़ेगा और अगले एक-दो साल में ये पूरी तरह बंद हो जाएंगे।

ब्रॉडकास्‍टरों को आशंका है कि अचानक लिए गए इस कदम से बड़ी संख्‍या में संकटग्रस्‍त चैनल बंद हो जाएंगे। सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मई में आईबीएफ (IBF) के सदस्‍यों के साथ बैठक की थी। इसमें उन्‍होंने भरोसा दिया था कि एनटीओ 2.0 को फिलहाल अभी जारी नहीं किया जाएगा। इसके बावजूद ये निर्देश जारी किए गए।

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प्रसारणकर्ताओं का कहना है कि एनटीओ 2.0 से उनकी चैनल के दाम तय करने की क्षमता पर असर पड़ेगा। ट्राई ने हर एक चैनल की एमआरपी को अधिकतम 12 रुपए तय कर दिया है। उसने चैनल बकेट पर डिस्‍काउंट की सीमा भी 33 फीसदी निर्धारित कर दी है।

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कुछ सालों में बंद हो जाएंगे 100-150 चैनल
इकनॉमिक टाइम्स की एक खबर के मुताबिक स्‍टार और डिज्‍नी इंडिया के चेयरमैन उदय शंकर और जी एंटरटेनमेंट के एमडी व सीईओ पुनीत गोयनका ने बताया कि एनटीओ 2.0 के अमल में आने से अगले कुछ सालों में 100-150 चैनल बंद हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि नए टैरिफ ऑर्डर के तहत जिस चैनल की पहुंच बहुत ज्‍यादा नहीं है, उसे मोनेटाइज नहीं किया जा सकता है। उसे पोर्टफोलियो बेनिफिट या बकेट एडवांटेज मिल सकता है। पहले से ही ऐसे एक दर्जन चैनल हैं जो अगले कुछ साल में बंद होने की कगार पर हैं। ट्राई के ताजा कदम से 100 से ज्‍यादा चैनल बंद हो जाएंगे। कारण है कि उन्‍हें चलाना आर्थिक रूप से फायदेमंद नहीं रह जाएगा।

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शंकर ने कहा कि बिना पहुंच के चैनल विज्ञापन नहीं पा सकते हैं। ऐसे में चैनलों के पास खड़े रहने के लिए सब्‍सक्रिप्‍शन रेवेन्‍यू एकमात्र रास्‍ता बचता है। एनटीओ के कारण यह कठिन होता जा रहा है। ऐसे में मुझे लगता है कि हम बहुत से चैनल गंवा देंगे। इसका असर केवल अंग्रेजी चैनलों पर ही नहीं बल्कि क्षेत्रीय चैनलों पर भी पड़ेगा।

ट्राई के नए टैरिफ ऑर्डर पर अदालती लड़ाई जारी
गोयनका ने कहा कि अगर नियम बने रहे तो कम से कम 100-150 चैनल बंद हो जाएंगे। इन्‍हें कोई चलाना पसंद नहीं करेगा। ट्राई ने एक जनवरी को नया टैरिफ ऑर्डर नोटिफाई किया था। इसे टॉप टेलीविजन ब्रॉडकास्‍टर, इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन (आईबीएफ) और फिल्‍म एंड टीवी प्रोड्यूसर्स गिल्‍ड ऑफ इंडिया ने बॉम्‍बे हाई कोर्ट में चुनौती दी है। 

कोर्ट ने मामले में सुनवाई पूरी कर फैसले को सुनिक्षित कर लिया था। अदालत ने ब्रॉडकास्‍टरों को कोई अंतरिम राहत नहीं दी है। 24 जुलाई को ट्राई ने प्रसारणकर्ताओं से अपने रेफरेंस इंटरकनेक्‍ट ऑफर (आरआईओ) को बदलने के लिए कहा है। इसे उन्‍हें एनटीओ 2.0 की तर्ज पर करना है। साथ ही 10 अगस्‍त तक इसे अपनी वेबसाइट पर पब्लिश कर देना है।
 

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