Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Sep, 2020 12:56 PM
दूरसंचार नियामक ट्राई ने सोमवार को व्हाट्सएप, स्काइप, वाइबर जैसे ओटीटी (ओवर द टॉप) संचार सेवा प्रदाताओं के लिए तत्काल कोई नियाकीय हस्तक्षेप से इनकार किया। उसने कहा कि कोई व्यापक नियामकीय व्यवस्था की सिफारिश करने के लिए
नई दिल्लीः दूरसंचार नियामक ट्राई ने सोमवार को व्हाट्सएप, स्काइप, वाइबर जैसे ओटीटी (ओवर द टॉप) संचार सेवा प्रदाताओं के लिए तत्काल कोई नियाकीय हस्तक्षेप से इनकार किया। उसने कहा कि कोई व्यापक नियामकीय व्यवस्था की सिफारिश करने के लिए यह उपयुक्त समय नहीं है। ट्राई के इस बयान से दूरसंचार कंपनियों को झटका लगा है जो ओटीटी संचार सेवा प्रदताओं के लिए समान नियम की लंबे समय से वकालत करते आ रहे हैं।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने ओटीटी संचार सेवाओं के लिए नियामकीय व्यवस्था के मामले में अपना विचार रखते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीजें और स्पष्ट होने खासकर आईटीयू (अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ) के अध्ययन के बाद मामले पर गौर किया जा सकता है। आईटीयू इस ओटीटी सेवाओं को लेकर व्यापक अध्ययन कर रहा है। ट्राई के इस रुख से ओटीटी सेवा प्रदाताओं को राहत मिली है।
दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों के संगठन सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) ने कहा कि उसे उम्मीद थी कि ट्राई उनकी मांगों पर गौर करेगा और जो बाजार विसंगतियां लंबे समय से चली आ रही हैं, उसे दूर करेगा। सीओएआई ने कहा कि इन मुद्दों के समाधान के बिना दूरंसचार सेवा प्रदाता ओटी सेवा देने वाली कंपनियों के मुकाबले नुकसान की स्थिति में रहेंगे। ओटीटी सेवा प्रदाता दूरसंचार कंपनियों की तरह कड़े नियामकीय/लाइसेंस व्यवस्था के दयरे में नहीं आते।
ओटीटी सेवाओं में वे अनुप्रयोग और सेवाएं आती हैं, जिनका उपयोग इंटरनेट के जरिये किया जाता है और इसके लिए परिचालक के नेटवर्क का उपयोग होता है। स्काइप, वाइबर, व्हाट्सएप और हाइक कुछ लोकप्रिय और व्यापक स्तर पर उपयोग होने वाली ओटीटी सेवाएं हैं। ट्राई ने यह भी कहा कि ओटीटी सेवाओं से जुड़े निजता और सुरक्षा मुद्दों को लेकर नियामकीय हस्तक्षेप की फिलहाल जरूरत नहीं है। नियामक ने एक बयान में कहा, ‘‘कानून और नियमों के दायरे से फिलहाल बाहर ओटीटी (ओवर द टॉप) की सेवाओं से संबद्ध विभिन्न पहलुओं के लिए व्यापक नियामकीय व्यवस्था सिफारिश करने के लिए यह उपयुक्त समय नहीं है।''
ट्राई ने नवंबर 2018 में इस प्रकार की सेवाओं के लिए परिचर्चा पत्र जारी किया था। इस परिचर्चा पत्र के जरिए उसने विभिन्न मुद्दों पर उद्योग से अपने विचार देने को कहा था। नियामक ने कहा है कि बिना कोई नियामकीय हस्तक्षेप के बाजार की शक्तियों (मांग एवं आपूर्ति) को स्थिति का जवाब देने के लिए काम करने की अनुमति दी जा सकती है। ट्राई ने कहा, ‘‘हालांकि गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी और जरूरत पड़ने पर उपयुक्त समय पर हस्तक्षेप किया जाएगा।''