ट्रेन 18 नाम भारत की आत्मनिर्भरता के प्रतीक के रूप में सदा बना रहेगा

Edited By Seema Sharma,Updated: 28 Jan, 2019 04:15 PM

train 18 name will remain indefinitely as a symbol of india s self sufficiency

शताब्दी ट्रेनों की जगह लेने जा रही रेलवे की सेमी-हाई स्पीड ‘ट्रेन 18’ को रेल मंत्री पीयूष गोयल द्वारा ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ नाम दिए जाने के बाद चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) के पूर्व महाप्रबंधक (जीएम)

नई दिल्ली: शताब्दी ट्रेनों की जगह लेने जा रही रेलवे की सेमी-हाई स्पीड ‘ट्रेन 18’ को रेल मंत्री पीयूष गोयल द्वारा ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ नाम दिए जाने के बाद चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) के पूर्व महाप्रबंधक (जीएम) ने कहा है कि यह ट्रेन हमेशा ही अपने मूल नाम से जानी जाएगी। उल्लेखनीय है कि आईसीएफ के पूर्व जीएम सुधांशु मणि ने उस टीम का नेतृत्व किया था, जिसने यह ट्रेन बनाई थी। इस ट्रेन के मेड इन इंडिया होने को स्वीकार करते हुए भारतीय रेल ने रविवार को इस स्वदेश निर्मित सेमी हाई स्पीड ट्रेन 18 को ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ के रूप में नया नाम दिया।

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को कहा कि यह ट्रेन नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चलेगी। यह ट्रेन पूर्ण रूप से वातानुकूलित है। इसमें 18 डिब्बे होंगे। आईसीएफ में 97 करोड़ रुपये की लागत से 18 महीने में यह बनाई गई है। चेन्नई स्थित आईसीएफ के पूर्व महाप्रबंधक ने ट्वीट किया कि खुशी है कि प्रथम ट्रेन 18 सेवा, दिल्ली- वाराणसी, को वंदे भारत एक्सप्रेस नाम दिया गया है ट्रेन 18/ टी 18 नाम का इस्तेमाल प्रधानमंत्री ने खुद किया था, यह आईसीएफ के मौलिक प्रतीक के रूप में सदा बना रहेगा। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत होगा कि ट्रेन का नाम बदल दिया गया और इस तरह की खबरें दुष्प्रचार हैं।

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