Edited By Supreet Kaur,Updated: 09 Aug, 2018 12:45 PM
आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहने वाले लोगों से जुड़े मामलों के अपीलेट ट्रिब्यूनल ने एक अहम फैसला सुनाया है। ट्रिब्यूनल के मुताबिक एेसे लोगों की संपत्ति पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) तभी दावा कर सकता है, जब बैंकों ने कर्ज देने के लिए उन ऐसेट्स पर अपने...
बिजनेस डेस्कः आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहने वाले लोगों से जुड़े मामलों के अपीलेट ट्रिब्यूनल ने एक अहम फैसला सुनाया है। ट्रिब्यूनल के मुताबिक एेसे लोगों की संपत्ति पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) तभी दावा कर सकता है, जब बैंकों ने कर्ज देने के लिए उन ऐसेट्स पर अपने राइट्स पहले से क्रिएट न किए हों।
ट्रिब्यूनल ने दिया आदेश
ट्रिब्यूनल ने विनसम डायमंड्स ऐंड जूलरी के मामले में ईडी के साथ विवाद में स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के फेवर में रूलिंग दी है। उसने कहा कि अगर गिरवी रखी संपत्ति से बैंक अपना बकाया नहीं वसूल सकेंगे तो यह इनसॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी ऐक्ट की भावना के खिलाफ होगा।ट्रिब्यूनल के चेयरमैन जस्टिस मनमोहन सिंह ने 2 अगस्त को जारी अपने आदेश में लिखा, 'अपील करने वाले बैंक ने अपने पास गिरवी रखी गई जिन प्रॉपर्टीज के बदले लोन दिया हो, उन्हें तब तक कुर्क या जब्त नहीं किया जा सकता है, जब तक कि प्रत्यक्ष या परोक्ष सांठगांठ की बात साबित न हो जाए।'
बैंकों को मिलेगी बड़ी राहत
इस रूलिंग से उन बैंकों को बड़ी राहत मिल सकती है, जो ऐसे डिफॉल्टरों से पैसा रिकवर करने की लड़ाई लड़ रहे हैं, जिनके खिलाफ ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियां पैसे की हेराफेरी सहित अन्य अपराधों के आरोपों की जांच कर रही है। कई मामलों में अदालती प्रक्रिया में सुस्ती के कारण बैंकों को अपना बकाया रिकवर करने के लिए एक दशक से ज्यादा समय तक इंतजार करना पड़ता है। दिवालिया किंगफिशर एयरलाइंस से पैसा रिकवर करने में एसबीआई ऐसी ही स्थिति का सामना कर रहा है, जिसमें एजेंसियां कानूनों के उल्लंघन के लिए विजय माल्या के खिलाफ मुकदमा किए हुए हैं।