Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Jul, 2018 06:27 PM
यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया (यूबीआई) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी पवन बजाज ने आज कहा कि बैंक को राष्ट्रीय कंपनी विधि प्राधिकरण (एनसीएलटी) के जरिए कुल फंसे 5,951 करोड़
बिजनेस डेस्कः यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया (यूबीआई) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी पवन बजाज ने आज कहा कि बैंक को राष्ट्रीय कंपनी विधि प्राधिकरण (एनसीएलटी) के जरिए कुल फंसे 5,951 करोड़ रुपए के कर्जों में से लगभग 3,000 करोड़ रुपए प्राप्त होने की उम्मीद है।
बजाज ने सालाना आम बैठक में कहा कि कुल मिलाकर 40 मामले एनसीएलटी के पास भेजे गए हैं और बैंक को पहले ही डूबे कर्ज में से 580 करोड़ रुपए प्राप्त हो चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अब एनसीएलटी को भेजे गए सभी मामले समाधान के लिए तैयार होंगे क्योंकि निर्धारित समयसीमा समाप्त होने जा रही है और निपटान के अंतिम चरण में पहुंच चुका है।’’
बजाज ने कहा कि 31 मार्च 2018 तक की स्थिति के अनुसार बैंक का सकल एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) 24 प्रतिशत से ऊपर रहा। उन्होंने यह भी कहा कि बैंक की नकदी स्थिति काफी मजबूत है जो किसी प्रकार की भी देनदारी को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। इसका कारण चालू खाता और बचत खाता (कासा) में जमा अनुपात अधिक होना है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यूबीआई को 220 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ। बजाज ने कहा कि बैंक बड़ी कंपनियों को दिए जाने वाले कर्ज में कटौती कर रहा है और इसके बदले लघु एवं मझोले उद्यमों (एसएमई), खुदरा तथा कृषि क्षेत्र पर जोर दे रहा है।