Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Aug, 2019 06:41 PM
जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 के हटने के ठीक बाद ही उदय कोटक ने सरकार से मांग की है कि पब्लिक सेक्टर बैंकों में सरकारी हिस्सेदारी कम करने का प्रावधान किया जाए। उदय कोटक ने कहा है कि सरकार पब्लिक सेक्टर बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी 50
नई दिल्लीः जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 के हटने के ठीक बाद ही उदय कोटक ने सरकार से मांग की है कि पब्लिक सेक्टर बैंकों में सरकारी हिस्सेदारी कम करने का प्रावधान किया जाए। उदय कोटक ने कहा है कि सरकार पब्लिक सेक्टर बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी 50 फीसदी से कम करें और एफआरडीआई बिल लेकर आए।
साथ ही उन्होंने मांग की है सरकारी लेंडर्स की संख्या 5 कर दी जाए। कोटक ने कुछ सरकारी बैंकों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप की भी मांग की है। उनकी इस मांग के अनुसार, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत सरकार को इन बैंकों में 26-33 फीसदी की हिस्सेदारी रहे, जबकि प्राइवेट पार्टनर्स के पास बाकी की हिस्सेदारी रहे।
FRDI बिल लाने की सिफारिश
उदय कोटक ने कहा, "सरकारी बैंकों के भविष्य को लेकर हमें बड़ा और साहसी कदम उठाने की जरूरत है। यह सरकार की तरफ से बड़ा कदम होगा जो वित्तीय सेक्टर की तस्वीर बदल सकेगा।" कोटक ने कहा है कि सरकार को फाइनेंशियल रिजॉल्युशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल को भी पेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एफआरडीआई बिल लाने का सही समय आ गया है। इससे हमें दबाव और मोर्टेलिटी को हैंडल करने के लिए वित्तीय सेक्टर में आसानी होगी।
RBI एमपीसी पर भी बोले कोटक
आरबीआई की मौद्रिक नीति बैठक को लेकर उन्होंने कहा कि केंद्रीय बैंक को रियल इंटरेस्ट रेट में सटीक करना चाहिए। बता दें मुद्रास्फिति और ब्याज दरों के बीच के अंतर को रियल इंटरेस्ट रेट कहा जाता है। कोटक ने कहा कि रियल इंटरेस्ट रेट मौजूदा 3 फीसदी की तुलना में 1.5 फीसदी रहनी चाहिए, क्योंकि फिलहाल मुद्रास्फिति काबू में है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि छोटी सेविंग्स रेट को और कम करना चाहिए।