यू.आई.डी.ए.आई. ने आधार सॉफ्टवेयर से छेड़छाड़ की रिपोर्ट को किया खारिज

Edited By Pardeep,Updated: 04 May, 2018 04:26 AM

uidai rejects tampering report from aadhaar software

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यू.आई.डी.ए.आई.) ने आधार के पंजीकरण सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि वह आधार जारी करने के लिए ‘कड़े पंजीकरण और सख्त प्रकिया’ को अपनाता है। प्राधिकरण ने विभिन्न उल्लंघनों के लिए 50,000 से अधिक...

नई दिल्ली: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यू.आई.डी.ए.आई.) ने आधार के पंजीकरण सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा कि वह आधार जारी करने के लिए ‘कड़े पंजीकरण और सख्त प्रकिया’ को अपनाता है। 

प्राधिकरण ने विभिन्न उल्लंघनों के लिए 50,000 से अधिक ऑप्रेटरों को काली सूची में डाला है। छेड़छाड़ से संबंधित दावों को ‘आधारहीन और गलत’ करार देते प्राधिकरण ने कहा कि सॉफ्टवेयर जरूरी सुरक्षा उपायों से लैस है और किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचने के लिए समय-समय पर जांच करता है। 

यू.आई.डी.ए.आई. का यह बयान उन रिपोर्टों के बाद आया, जिनमें आधार पंजीकरण सॉफ्टवेयर में कथित छेड़छाड़ और उनसे प्राप्त डाटा की कालाबाजारी की बातें सामने आई थीं। इसमें कहा गया था कि यह किसी भी दस्तावेज के बिना आधार कार्ड जारी करने की सुविधा प्रदान करता है और ऑप्रेटरों के प्रमाणीकरण करने को नजरअंदाज करता है।

यू.आई.डी.ए.आई. ने कहा कि आधार प्रणाली 12 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या जारी करने से पहले आवेदन करने वाले की सभी बायोमैट्रिक पहचानों( दसों उंगलियों की छाप और आंख की पुतली) का मिलान सभी आधार धारकों के बायोमैट्रिक पहचान से करता है। कोई भी ऑप्रेटर आधार का निर्माण और उसका उन्नयन तक नहीं कर सकता है जब तक कि संबंधित व्यक्ति उसे अपनी बॉयोमैट्रिक पहचान उपलब्ध नहीं कराता है।

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