Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Mar, 2019 06:54 AM
ब्रिटेन ने पीएचडी-लेवल के वर्क वीजा जारी करने की संख्या असीमित करने का फैसला लिया है। ब्रिटेन सरकार की इस नई योजना से भारतीय पेशेवर लाभान्वित होने वाला सबसे बड़ा समूह होगा। ब्रिटेन के चांसलर फिलिप हैमंड ने बुधवार को बजट अपडेट में यह घोषणा की।
लंदनः ब्रिटेन ने पीएचडी-लेवल के वर्क वीजा जारी करने की संख्या असीमित करने का फैसला लिया है। ब्रिटेन सरकार की इस नई योजना से भारतीय पेशेवर लाभान्वित होने वाला सबसे बड़ा समूह होगा। ब्रिटेन के चांसलर फिलिप हैमंड ने बुधवार को बजट अपडेट में यह घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘इस साल के अंत से उच्च शिक्षित लोगों के ब्रिटेन आने की संख्या कुछ शर्तों के साथ असीमित होगी। वे ब्रिटेन में काम करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।’
चांसलर का ऐलान
हैमंड ने हाउस ऑफ कॉमन्स को संबोधित करते हुए बताया, 'ब्रिटेन को तकनीकी क्रांति के अगुआ बनाए रखना हमारी योजना का प्रमुख स्तंभ है। इससे हमारी अर्थव्यवस्था का कायाकल्प हो रहा है और इस लक्ष्य को साधने लिए पतझड़ के मौसम से हम पीएचडी लेवल की नौकरियों के लिए वीजा की संख्या की सीमा खत्म कर देंगे।'
इसी साल से नया नियम लागू
उन्होंने अपने बयान में कहा, 'ऑटम 2019 से पीएचडी स्तर की नौकरियों को टियर 2 (जनरल) की सीमा से मुक्त कर देंगे और उसी वक्त 180 दिनों की अनुपस्थिति से संबंधित आव्रजन कानून (इमिग्रेशन रूल्स) भी बदल दिए जाएंगे ताकि विदेशों में फील्डवर्क करने वाले रिसर्चर यूके में रहना चाहें तो उन्हें परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।'
54% वर्क वीजा पर भारतीयों का कब्जा
यूके के गृह मंत्रालय के बिल्कुल ताजातरीन आंकड़ों के मुताबिक 2018 में उच्च कौशल की नौकरियों के लिए 54 प्रतिशत टियर 2 (जनरल) श्रेणी के वर्क वीजा भारतीयों को दिए गए थे। पिछले साल भारतीयों को इस कैटिगरी के वीजा की स्वीकृति में भी सबसे बड़ी वृद्धि दर्ज की गई। आंकड़े बताते हैं कि 2017 के मुकाबले 2018 में भारतीयों को 6 प्रतिशत यानी 3,023 ज्यादा वीजा मिले।
2021 तक नया इमिग्रेशन सिस्टम
अभी यूके के वीजा सिस्टम में टियर 2 स्किल्ड वर्कर्स सेक्शन के तहत सीमित संख्या में वीजा जारी किए जाते हैं। यूके की सरकार 2021 तक नया इमिग्रेशन सिस्टम लागू कर स्किल्ड वर्कर्स के लिए वीजा की संख्या की सीमा पूरी तरह खत्म करना चाहती है। पीएचडी लेवल के प्रफेशनल्स के लिए वर्क वीजा पर से पाबंदी हटाने का ताजा ऐलान इसी दिशा में बढ़ाया गया पहला कदम माना जा रहा है। इसी साल इमिग्रेशन मिनिस्टर कैरोलिन नोक्स ने कहा था, 'नए सिस्टम में हम भारत से बेहद कुशाग्र एवं सर्वोत्तम (पेशेवरों) का खुलकर स्वागत करेंगे।'