विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को उखाड़ना अगला लक्ष्य: बाबा रामदेव

Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Jan, 2021 06:05 PM

uprooting foreign multinationals is the next goal baba ramdev

योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि उनकी संस्था पतंजलि योगपीठ स्वदेशी, योग और आयुर्वेद के लिए एक जन आंदोलन बन गई है और भारतीय बाजार से विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को बाहर करना उनका अगला लक्ष्य है। वह पतंजलि योगपीठ के 26वें स्थापना

बिजनेस डेस्कः योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि उनकी संस्था पतंजलि योगपीठ स्वदेशी, योग और आयुर्वेद के लिए एक जन आंदोलन बन गई है और भारतीय बाजार से विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को बाहर करना उनका अगला लक्ष्य है। वह पतंजलि योगपीठ के 26वें स्थापना दिवस पर एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

योगगुरु ने कहा, ‘‘पतंजलि योगपीठ की 26 साल पहले शुरू हुई यात्रा अब स्वदेशी, योग और आयुर्वेद के लिए लोगों के आंदोलन में बदल गई है। हम चाहते हैं कि हमारा देश खाद्य तेल के मामले में आत्मनिर्भर हो जाए। हम इंडोनेशिया और मलेशिया पर अपनी निर्भरता खत्म करना चाहते हैं।'' उन्होंने कहा कि पतंजलि भारत में ऑयल पाम वृक्षारोपण और सरसों के तेल का उत्पादन बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाने जा रही है, जिससे 2.5 लाख करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा बचेगी। 

रामदेव ने कहा, ‘‘इस समय पतंजलि योगपीठ और रूचि सोया का बाजार पूजीकरण 1.5 लाख करोड़ रुपए से दो लाख करोड़ रुपए के बीच है। हमारा अगला लक्ष्य हिंदुस्तान यूनिलीवर की तरह कोलगेट, नेस्ले, कोका कोला, पेप्सी और उनकी सहायक कंपनियों जैसी विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को उखाड़ना है।'' पतंजलि योगपीठ को ‘लोकल फॉर वोकल' का आदर्श बताते हुए रामदेव ने कहा कि स्वदेशी के लिए आंदोलन के बाद उनकी संस्था देश के शिक्षा क्षेत्र में क्रांति लाएगी। उन्होंने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय, पतंजलि आयुर्वेद कॉलेज और आचार्यकुलम जैसी संस्थाएं आध्यात्मिक भारत की नींव रख रही हैं। उन्होंने बाद में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि किसानों द्वारा जारी आंदोलन को निहित स्वार्थी तत्वों ने हाइजैक कर लिया है। 

रामदेव ने कहा कि असली किसानों को ऐसे तत्वों से बचना चाहिए और सरकार के साथ बातचीत के जरिए बीच का रास्ता निकालने की कोशिश करनी चाहिए। कोविड-19 के स्वदेशी टीके के खिलाफ बयानबाजी पर रामदेव ने विपक्षी दलों पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘इसमें गाय का खून या सुअर की चर्बी शामिल नहीं है। यह नपुंसकता का कारण नहीं है। यह किसी विपक्षी नेता को भी नहीं मार सकता है। हालांकि, दूसरे टीकों की तरह इसके भी कुछ दुष्प्रभाव हैं।'' 
 

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