Edited By PTI News Agency,Updated: 06 Apr, 2020 05:20 PM
अमेरिका के निजी क्षेत्र के इक्विटी कोष इस साल भारत में निवेश की अपनी योजना पर फिर से विचार कर सकते हैं। इन कोषों ने भारत के रीयल एस्टेट क्षेत्र में 2015 से 5.7 अरब डालर का निवेश किया है। अमेरिका में कोरोना वायरस महामारी फैलने के मद्देनजर ये कोष एक...
नयी दिल्ली: अमेरिका के निजी क्षेत्र के इक्विटी कोष इस साल भारत में निवेश की अपनी योजना पर फिर से विचार कर सकते हैं। इन कोषों ने भारत के रीयल एस्टेट क्षेत्र में 2015 से 5.7 अरब डालर का निवेश किया है। अमेरिका में कोरोना वायरस महामारी फैलने के मद्देनजर ये कोष एक बार फिर भारत में अपना निवेश बढ़ा सकते हैं।
अमेरिका से निजी इक्विटी कंपनियों ने वर्ष 2015 में बाजार में 83 करोड़ डालर, 2016 में 53 करोड़ डालर, 2017 में 119 करोड़ डालर, 2018 में 135 करोड़ डालर और 2019 में 180 करोड़ डालर का निवेश इन्होंने किया। अमेरिका के निजी क्षेत्र से 2015 से इक्विटी कोष का अधिकतर प्रवाह भारत के आकर्षक वाणिज्यिक रीयल एस्टेट क्षेत्र की तरफ रहा है। इनमें ब्लेकस्टोन, हाइन्स, वारबग पिकस और गोल्डमैन साक्स आदि बड़े निवेशक रहे हैं।
एनारॉक कैपिटल के प्रबंध निदेशक और सीईओ शोभित अग्रवाल ने कहा अमेरिका स्थित निजी इक्विटी कंपनियों के लिये पिछले कुछ सालों से भारत प्रमुख आकर्षण रहा है। वर्ष 2019 में ही अमेरिका स्थित कंपनियों का भारतीय रीयल्टी क्षेत्र के 5 अरब डालर के कुल प्रवाह में 36 प्रतिशत तक हिस्सा रहा है और उन्होंने 1.8 अरब डालर का भारत में निवेश किया।’ बहरहाल, इस समय जो स्थिति है अमेरिका के निजी इक्विटी कोष फिर से भारत में निवेश की अपनी योजना पर विचार कर सकते हैं। हालांकि, अमेरिका में इस समय जो स्थिति है उसको देखते हुये तो यही लगता है कि 2020 में निवेश में कमी आने की बड़ी संभावना है।