Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Sep, 2018 05:05 PM
अमेरिका और चीन के बीच टल रहे व्यापार युद्ध का फायदा भारतीय किसानों को हो सकता है। यह फायदा सोयाबीन और सफेद सरसों पैदा करने वाले किसानों को हो सकता है।
नई दिल्लीः अमेरिका और चीन के बीच टल रहे व्यापार युद्ध का फायदा भारतीय किसानों को हो सकता है। यह फायदा सोयाबीन और सफेद सरसों पैदा करने वाले किसानों को हो सकता है। दरअसल, चीन ने 7 साल पूर्व खराब क्वॉलिटी का हवाला देकर भारतीय सफेद सरसों खरीदने पर बैन लगा दिया था। यह सरसों पशुओं के लिए प्रोटीन का सॉर्स होती है। अब बुधवार को चीन में मौजूद भारतीय दूतावास ने उस बैन को हटाने की मांग उठाई है।
इतना ही नहीं भारत व्यापार युद्ध का फायदा उठाने के लिए चीन को सोयाबीन का आयात भी बढ़ाने पर विचार कर रहा है। चीन अब तक अमेरिका से सोयाबीन लेता रहा है, जिसमें व्यापार युद्ध के बाद कटौती आई है। फिलहाल भारत में सफेद सरसों और सोयाबीन का उत्पादन भले कम हो रहा है लेकिन अगर चीन बैन हटा देता है तो यह किसानों के अच्छा मौका साबित होगा।
बता दें कि 2015-16 में भारत में सफेद सरसों का उत्पादन 6,820 किलो टन था। इसका ज्यादा उत्पादन राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में होता है। वहीं सोयाबीन के उत्पादन की बात करें तो यह 2016-17 में 13 मिलियन टन था। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान इसके बड़े उत्पादक हैं। हालांकि, बारिश की कमी और फसल खराब होने की वजह से इसके उत्पादन में कमी आ रही है।