Edited By Supreet Kaur,Updated: 18 Sep, 2018 05:52 PM
अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर से दुनियाभर में हलचल मची हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्रेड वॉर को तेज करते हुए चीन से आयात होने वाले करीब 200 अरब डॉलर (करीब 14 लाख 42 हजार करोड़ रुपए) के सामानों पर 10 फीसदी टैरिफ लगाने का...
वाशिंगटनः अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर से दुनियाभर में हलचल मची हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रेड वॉर को तेज करते हुए चीन से आयात होने वाले करीब 200 अरब डॉलर (करीब 14 लाख 42 हजार करोड़ रुपए) के सामानों पर 10 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया। इस पर चीन ने भी कहा है कि वह जवाबी कार्रवाई करेगा। इस साल के अंत तक इन समानों पर लगने वाला टैरिफ बढ़कर 25 फीसदी हो जाएगा। इस कदम से चीन और अमेरिका के बीच छिड़ी कारोबारी जंग और बढ़ जाएगी। अमेरिकी प्रशासन ने ऐलान किया है कि अतिरिक्त टैरिफ 24 सितंबर से लागू होेंगे। इससे पहले अमेरिका ने 50 अरब डॉलर के चीनी समानों पर टैरिफ लगाया था। इसका मतलब है कि चीन की ओर से अमेरिका को बेचे जाने वाले करीब आधे प्रोडक्ट्स पर असर पड़ेगा।
दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच ट्रेड वॉर का खतरा
इस घटना क्रम से विश्व की इन दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध और गहराने का खतरा पैदा हो गया है। अमेरिका ने इससे पहले दो बार में कुल मिला कर 50 अरब डालर की चीनी वस्तुओं पर शुल्क बढ़ा चुका है और चीन ने भी उसके जवाब में चुङ्क्षनदा अमेरिकी वस्तुओं पर शुल्क बढाया है। चीन ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन के ताजा कदम से दोनों देशों के बीच आगे की बातचीत को लेकर ‘नई अनिश्चितता’ पैदा हुईं हैं। अमेरिका और चीन दुनिया की पहले और दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज तीसरे दौर की पहल करते हुए चीन के और 200 अरब डालर के आयात पर 10 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है। इस साल के अंत तक यह शुल्क बढ़कर 25 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।
ट्रम्प की चीन को धमकी
व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में ट्रम्प ने कहा कि अगर चीन अमेरिका के किसानों या उद्योगों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करता है तो हम तत्काल तीसरे चरण की शुरुआत करेंगे, जिसके तहत करीब 267 अरब डॉलर (करीब 19 लाख 34 हजार करोड़ रुपए) के अतिरिक्त सामानों के आयात पर टैरिफ लगेगा। फिलहाल, एप्पल के प्रोडक्ट्स को नए टैरिफ प्लान में छूट मिल गई है, लेकिन अगर ट्रम्प प्रशासन 267 अरब डॉलर के अतिरिक्त सामान पर टैरिफ लगाता है तो चीन से यूएस में आयात होने वाले आईफोन और उसके दूसरे प्रतिस्पर्धियों को शायद ही छूट मिल पाए।
अमेरिका के इस कदम के जवाब में चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि वह नए शुल्क के खिलाफ उसी तरह के उपाय करने को मजबूर है। एक वक्तव्य में वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा घोषित शुल्क से दोनों पक्षों के बीच होने वाली बातचीत में नई अनिश्चितता पैदा हो गई है।