अमरीका-चीन की ट्रेड वार में भारत को फायदे के साथ नुक्सान भी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 May, 2019 01:54 PM

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अमरीका और चीन के बीच ट्रेड वार या टैरिफ वार में भारत को फायदे से अधिक नुक्सान की आशंका है। विदेश व्यापार के विशेषज्ञों के मुताबिक ‘अमरीका फर्स्ट तो चीन फर्स्ट’ की जंग में निश्चित रूप से कुछ वस्तुओं के निर्यात में बढ़ौतरी होगी

नई दिल्लीः अमरीका और चीन के बीच ट्रेड वार या टैरिफ वार में भारत को फायदे से अधिक नुक्सान की आशंका है। विदेश व्यापार के विशेषज्ञों के मुताबिक ‘अमरीका फर्स्ट तो चीन फर्स्ट’ की जंग में निश्चित रूप से कुछ वस्तुओं के निर्यात में बढ़ौतरी होगी लेकिन 2 दिग्गजों की इस लड़ाई में नुक्सान की आशंका ज्यादा है। 

विशेषज्ञों के मुताबिक अमरीका-चीन के बीच चलने वाली टैरिफ वार से वित्त वर्ष 2018-19 में जून से लेकर मार्च के बीच अमरीका होने वाले भारतीय निर्यात में पूर्व वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 15 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया। वहीं इस अवधि में चीन होने वाले निर्यात में 33 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई।

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अमरीका-चीन की लड़ाई में भारत के व्यापार को मिलेगा लाभ 
फैडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के महानिदेशक एवं सी.ई.ओ. अजय सहाय ने बताया कि अमरीका-चीन की इस लड़ाई में भारत के व्यापार को लाभ मिलेगा लेकिन इन दोनों के बीच टैरिफ  वार से विश्व व्यापार पर विपरीत असर पड़ेगा जो भारत के कुल निर्यात को प्रभावित करेगा। उन्होंने बताया कि चालू वर्ष की पहली तिमाही में विश्व व्यापार नकारात्मक में है और इस ट्रेड वार से विश्व व्यापार और संकुचित हो सकता है। 

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सहाय ने बताया कि अमरीका एवं चीन के बीच ट्रेड वार से दुनिया भर में अनिश्चितता का माहौल बनेगा जिससे भारत में होने वाले निवेश में कमी आ सकती है क्योंकि अनिश्चितता के माहौल में निवेशक निवेश करने से पीछे हट जाता है। वहीं भारतीय करंसी में भी काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। कच्चे तेल की कीमत में बढ़ौतरी शुरू हो गई है, इससे भारतीय करंसी के कमजोर होने की आशंका प्रबल हो जाती है। हालांकि जानकार यह भी कह रहे हैं कि चीन में काम करने वाली कई कम्पनियां भारत शिफ्ट हो सकती हैं क्योंकि उन्हें भी अमरीका द्वारा ड्यूटी में बढ़ौतरी का खमियाजा उठाना पड़ेगा।

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भारत में अमरीकी उत्पादों पर जवाबी आयात शुल्क लगाने की बढ़ सकती है समय-सीमा 
अमरीका से भारत में आयात किए जाने वाले उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगाने की समय-सीमा एक माह और आगे बढ़ सकती है। भारत ने अमरीका से आयात होने वाले 29 उत्पादों की शुल्क बढ़ाने के लिए पहचान की है। इसमें अखरोट, बादाम और दालें शामिल हैं। इस संबंध में पिछली बार बढ़ाई गई समय-सीमा 16 मई को समाप्त हो रही है। 

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि वाणिज्य मंत्रालय ने इस संबंध में वित्त मंत्रालय को समय-सीमा बढ़ाने के बारे में जरूरी अधिसूचना जारी करने के लिए कहा है। पिछले साल जून 2018 के बाद से अमरीका से आयात होने वाले सामान पर जवाबी शुल्क लगाने के बारे में समय-सीमा को कई बार बढ़ाया जा चुका है। अमरीका ने पिछले साल भारत सहित विदेशों से आयात होने वाले इस्पात और एल्यूमीनियम के उत्पादों पर ऊंचा सीमा शुल्क लगा दिया था। 

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