अमेरिकी कंपनी ने लाइसेंस पाने के लिए भारतीय अधिकारी को 10 लाख रुपये रिश्वत दी: न्याय विभाग

Edited By rajesh kumar,Updated: 28 Oct, 2020 03:38 PM

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अमेरिका के न्याय विभाग द्वारा एक अमेरिकी स्प्रिट विनिर्माता द्वारा भारत में अपने पेय उत्पाद के विपणन और बिक्री का लाइसेंस पाने के लिए कथित रूप से एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी को 10 लाख रुपये की घूस देने की जांच शुरू किए जाने के बाद उक्त कंपनी ने इस...

वाशिंगटन: अमेरिका के न्याय विभाग द्वारा एक अमेरिकी स्प्रिट विनिर्माता द्वारा भारत में अपने पेय उत्पाद के विपणन और बिक्री का लाइसेंस पाने के लिए कथित रूप से एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी को 10 लाख रुपये की घूस देने की जांच शुरू किए जाने के बाद उक्त कंपनी ने इस मुकदमे को बंद करने के लिए 1.95 करोड़ अमेरिकी डॉलर देने पर सहमति जताई है।

भारत सरकार के एक अधिकारी को रिश्वत दी
शिकागो स्थित इस कंपनी ने 2006 में भारतीय कारोबार का अधिग्रहण किया था। अमेरिकी न्याय विभाग के आरोपों के अनुसार बीम इंडिया ने अपने कारोबार को बनाए रखने के लिए 2012 की तीसरी तिमाही में विभिन्न सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और अनुचित भुगतान किया। न्याय विभाग ने आरोप लगाया कि बीम सनटोरी इंक (बीम) ने अपने कई उत्पादों को भारतीय बाजार में बेचने का लाइसेंस पाने के लिए भारत सरकार के एक अधिकारी को रिश्वत दी।

रिश्वत देकर कारोबार करना एक अपराध
न्याय विभाग के सहायक अटॉर्नी जनरल ब्रायन सी रैबिट ने कहा कि बीम और उसकी भारतीय सहायक कंपनी ने न केवल भारत सरकार के अधिकारियों को रिश्वत दी, बल्कि वे रिश्वतखोरी रोकने के लिए आंतरिक नियंत्रणों को लागू करने में विफल रहे और अपने बहीखातों में हेरफेर की। उन्होंने कहा कि जो कंपनियां निष्पक्ष, नैतिक और ईमानदार तरीके से प्रतिस्पर्धा करने की जगह भ्रष्ट तरीकों का इस्तेमाल करती हैं, उनके लिए आज का समझौता एक नजीर है और रिश्वत देकर कारोबार करना एक अपराध है।

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