FSSAI ने व्‍यापारियों ने कहा, फल पकाने के लिए एथिलीन गैस इस्‍तेमाल करें

Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Aug, 2018 11:25 AM

use ethylene gas to cook fruit

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफ.एस.एस.आई.) ने फलों को पकाने के लिए एथिलीन गैस को इस्‍तेमाल करने को कहा है। एफ.एस.एस.आई. ने कहा है कि एथिलीन गैस से पकने वाले फल स्‍वास्‍थ्‍य के लिए पूरी तरह सुरक्षित होते हैं।

नई दिल्‍लीः भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफ.एस.एस.आई.) ने फलों को पकाने के लिए एथिलीन गैस को इस्‍तेमाल करने को कहा है। एफ.एस.एस.आई. ने कहा है कि एथिलीन गैस से पकने वाले फल स्‍वास्‍थ्‍य के लिए पूरी तरह सुरक्षित होते हैं। एफ.एस.एस.आई. ने इस बारे में एक एडवााइजरी जारी कर जहां कारोबारियों को फल पकाने के लिए एथिलीन गैस का इस्‍तेमाल करने को कहा है, वहीं लोगों से अपील की है कि वे ऐसे फल विक्रेता से फल खरीदने की सलाह दी है, जो फल को पकाने के लिए एथिलीन गैस का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। 

कार्बाइड से पकाए जाते हैं फल 
अब तक फलों को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड का इस्‍तेमाल किया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, कैल्शियम कार्बाइड में आर्सेनिक और फास्फोरस पाया जाता है। पुन: यह वातावरण में मौजूद नमी से प्रतिक्रिया कर एसिटीलीन गैस बनाता है जिसे आम बोलचाल में कार्बाइड गैस कहते हैं। एक्‍सपर्ट्स बताते हैं कि कैल्शियम कार्बाइड का दिमाग, स्नायुतंत्र फेंफड़ों आदि पर बुरा असर पड़ता है। 

सब्सिडी देती है सरकार 
एथिलीन गैस के इस्तेमाल के लिए नियंत्रित तापमान वाले चैंबर या कोठरियां बनाई जाती हैं जिनमें पकाए जाने वाले फलों को रख कर एथिलीन का इस्तेमाल किया जाता है। कोठरी निर्माण पर बागवानी बोर्ड सब्सिडी देता है। एथिलीन के जरिए पकाए गए फलों में कोई धब्बा नहीं आता और यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर होता है। ऐसे में इस तकनीक के उपयोग से फलों के निर्यात में भी वृद्धि होगी।
 

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