Edited By ,Updated: 05 Dec, 2016 10:03 AM
केंद्र सरकार का मानना है कि केरोसीन का प्रचलन अब लगातार कम हो रहा है।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार का मानना है कि केरोसीन का प्रचलन अब लगातार कम हो रहा है। इसलिए वह एलपीजी की तरह केरोसिन ऑइल की सब्सिडी को सीधे खाते में ट्रांसफर करने पर विचार नहीं कर रही है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'केरोसिन सब्सिडी अब कम हो रही है। उम्मीद है 3-4 साल में यह पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। इसकी वजह यह है कि इलैक्ट्रिफिकेशन और एलीपीजी गैस के कनेक्शन की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हम ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों के प्रयोग को लगातार बढ़ावा दे रहे हैं।'
अधिकारी ने बताया कि कई राज्य पहले ही खुद केरोसिन फ्री घोषित कर चुके हैं। इसके अलावा कुछ अन्य राज्य इसी राह पर हैं। उन्होंने बताया कि सरकार राशन कार्ड धारक के खाते में सब्सिडी को सीधे ट्रांसफर कर रहे हैं ताकि वो लोग पीडीएस शॉप से बाजार मूल्य पर केरोसिन ऑइल को खरीद सके। यह देश के पी.डी.एस. (पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम) के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। 1 सितंबर, 2016 से 31 जनवरी, 2017 तक केंद्र सरकार हर 15 दिन में केरोसिन ऑइल की कीमत में 25 पैसे का इजाफा कर रही है। इससे केरोसिन ऑइल के मार्कीट रेट और सब्सिडी रेट का अंतर तेजी से खत्म हो रहा है।
आपको बता दें कि फिलहाल केरोसिन ऑइल के मार्कीट रेट और सब्सिडी रेट में 10.51 रुपए का ही अंतर है। अधिकारी ने कहा कि जब तक सभी पीडीएस शॉप्स को सब्सिडी के सीधे हस्तांतरण की व्यवस्था से नहीं जोड़ दिया जाता है, तब तक इसे बंद करना आसान नहीं होगा।