Edited By Punjab Kesari,Updated: 09 Nov, 2017 12:02 PM
यू.एस. इमिग्रेशन फंड (यू.एस.आई.एफ.) ने सुझाव दिया है कि अमरीका में एच1बी वीजा जैसी दिक्कतों को समाप्त करने के लिए भारतीय परिवार ईबी-5 वीजा प्रोग्राम को अपनाएं, जैसा चीन के लोग कर रहे हैं। ईबी-5 वीजा प्रोग्राम के तहत अमरीकी वीजा एवं ग्रीन कार्ड...
नई दिल्ली : यू.एस. इमिग्रेशन फंड (यू.एस.आई.एफ.) ने सुझाव दिया है कि अमरीका में एच1बी वीजा जैसी दिक्कतों को समाप्त करने के लिए भारतीय परिवार ईबी-5 वीजा प्रोग्राम को अपनाएं, जैसा चीन के लोग कर रहे हैं। ईबी-5 वीजा प्रोग्राम के तहत अमरीकी वीजा एवं ग्रीन कार्ड प्राप्त करने की इच्छा रखने वालों को 5 लाख डालर का निवेश करना होगा। यू.एस. इमिग्रेशन फंड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी निकोलस मैस्त्रोइयानी द्वितीय ने कहा कि अमरीका में भारत के बड़ी संख्या में आई.टी. एवं अन्य क्षेत्र के उद्यमी काम करते हैं। ये एच1बी वीजा प्रोग्राम के तहत वहां रह रहे हैं।
अमरीका में अब आव्रजन एवं वीजा नीति में बदलाव की प्रक्रिया जारी है। ऐसे में भारतीयों के लिए ईबी-5 वीजा प्रोग्राम उपयोगी साबित हो सकता है। अमरीका में अब एच1बी वीजा में कटौती पर जोर: उन्होंने कहा कि अमरीका में अब एच1बी वीजा में कटौती पर जोर दिया जा रहा है जिसका करीब 60-70 प्रतिशत हिस्सा भारत के प्रौद्योगिकी क्षेत्र से जुड़े लोगों एवं छात्रों को प्राप्त होता रहा है। ऐसे में ईबी-5 वीजा अमरीका आव्रजन के लिए सुरक्षित विकल्प है। उन्होंने दावा किया कि चीन से शिक्षा एवं उद्यमिता के क्षेत्र में अब 70 प्रतिशत लोग ईबी-5 वीजा का उपयोग कर रहे हैं, ऐसे में भारतीयों को भी ईबी-5 वीजा का उपयोग करना चाहिए।