Edited By ,Updated: 09 Oct, 2016 12:48 PM
फर्जी राष्ट्रवादियों की नजर आपकी कमाई खत्म करने पर है। ये लोग नुक्कड़ पर बैठी उस महिला की कमाई पर नजर गड़ाए बैठे हैं, जो हजार दो हजार की लडिय़ां, फुलझडिय़ां बेचकर अपने नाती-पोतों के लिए कुछ कमाना चाहती है...।
नई दिल्ली: फर्जी राष्ट्रवादियों की नजर आपकी कमाई खत्म करने पर है। ये लोग नुक्कड़ पर बैठी उस महिला की कमाई पर नजर गड़ाए बैठे हैं, जो हजार दो हजार की लडिय़ां, फुलझडिय़ां बेचकर अपने नाती-पोतों के लिए कुछ कमाना चाहती है...।
रेहड़ी पटरी पर बैठकर सस्ता माल बेचने वालो ध्यान से सुनो। मुझे पता है आपके पास खबरों का कूड़ेदान यानी अखबार पढऩे और चैनल देखने का वक्त नहीं है। जिनके पास फेसबुक और ट्विटर पर उल्टियां करने का वक्त है वे आपके माल की जात पता करना चाहते हैं। जोर-शोर से अभियान चला रहे हैं कि इस दीवाली चीन का माल नहीं खरीदेंगे। पाकिस्तान के साथी चीन को सबक सिखाने के लिए इन लोगों ने आपके पेट पर लात मारने की योजना बनाई है। थोक बाजार से अपना माल खरीद कर आप अपने-अपने जिलों और कस्बों की तरफ निकल चुके होंगे।
चीन का माल आपकी गठरी में आ गया होगा कि इस दीवाली कुछ कमाकर बच्चों के नए कपड़े बनवाएंगे। बच्चों की फीस भरेंगे। फर्जी राष्ट्रवादियों की नजर आपकी कमाई खत्म करने पर है। ये लोग नुक्कड़ पर बैठी उस महिला की कमाई पर नजर गड़ाए बैठे हैं, जो हजार दो हजार की लडिय़ां, फुलझडिय़ां बेचकर अपने नाती-पोतों के लिए कुछ कमाना चाहती है। चीन का माल नहीं खरीदना है तो इन्हें भारत सरकार पर दबाव डालना चाहिए कि वह चीन से आयात पर प्रतिबंध लगा दे। भारत में काम कर रही चीनी कम्पनियों को भगा दे।
कारोबारियों का गला पकड़े कि वे चीन का माल न लाएं। अरबों रुपए उनके भी दाव पर लग गए हैं मगर वे तो छोटे दुकानदारों को बेचकर निकल चुके हैं। फिर जो माल बचा है उसे मंडी में जलाकर दिखा सकते हैं कि वे राष्ट्रवाद के आगे पैसे की परवाह नहीं करते। क्या ऐसा होगा? कभी नहीं होगा। लेकिन मोहल्ले में जो आपने ‘पुलिस को कुछ ले-देकर’ पटरियां लगाई हैं कि इस दीवाली कुछ कमाएंगे, उन पर इन लोगों की नजर है। चीन के खिलाफ अभियान ही चलाना है तो यह भी चले कि किस-किस कम्पनी का निवेश चीन में है। पूरी लिस्ट आए कि इनका माल नहीं खरीदेंगे और खरीद लिया है तो उसे कूड़ेदान में फैंक देंगे।
- रविश कुमार