Edited By Punjab Kesari,Updated: 12 Oct, 2017 12:24 PM
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मोबाइल वॉलेट के लिए नई गाइडलाइंस लाने जा रहा है. माना जा रहा है कि नई गाइडलाइंस में आरबीआई
नई दिल्लीः रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मोबाइल वॉलेट के लिए नई गाइडलाइंस लाने जा रहा है. माना जा रहा है कि नई गाइडलाइंस में आरबीआई वॉलेट यूजर को गलत ट्रांजैक्शन से बचाने के लिए इंटरऑपरेबिलिटी को मंजूरी दे सकता है. इसको अगर आसान शब्दों में समझें तो अब धोखाधड़ी का पता लगाना अब आसान हो जाएगा।
इसके अलावा यूजर्स के लिए केवाईसी कराना भी अब जरूरी होगा। गाइडलाइन में जो सबसे बड़ा बदलाव किया गया है कि वो ये है कि अब कस्टमर्स UPI के जरिए अलग- अलग कंपनियों और बैंकों से पैसे ट्रांसफर कर सकेंगे। इससे पहले वो लोग जो पैसे लेने देने के लिए e-wallet का इस्तेमाल करते थे वो एक कंपनी के ई-वॉलेट से दूसरी कंपनी के ई-वॉलेट में पैसे ट्रांसफर नहीं कर पाते थे।
डिजिटल पेमेंट का कारोबार तेजी से बढ़ा
फिलहाल एक ऐप ई-वॉलेट से दूसरे ई-वॉलेट में पैसे ट्रांसफर करने की सर्विस उन्ही ई-वॉलेट्स में हैं जो सरकार के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेज यानि UPI से जुड़े हुए हैं। हांलाकि फंड ट्रांसफर की सुविधा मिल जाने पर सभी ई-वॉलेट्स को KYC के नियमों का पालन करना होगा। भारत में डिजिटल पेमेंट का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है और 2022 तक इसके 30 हजार करोड़ रुपए के भी पारे जाने की उम्मीद है।
नहीं रखना पड़ेगा हर वॉलेट का क्यूआर कोड
अभी ज्यादातर दुकानदार अपनी शॉप पर हर मोबाइल वॉलेट का क्यूआर कोड लगाकर रखते हैं। लेकिन 31 दिसंबर के बाद उनको ऐसा नहीं करना पड़ेगा। केवल एक कंपनी का क्यूआर कोड देने से ही उनके पास ग्राहक आसानी से पैसा ट्रांसफर कर सकेगा। इसके साथ ही आरबीआई ने सेमी क्लोज वॉलेट के लिए सीमा को 20 हजार रुपये से घटाकर के 10 हजार रुपये कर दिया है।