टीकाकरण ही लोगों को कोविड-19 महामारी से सुरक्षित करने का तरीका: टाटा समूह

Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 May, 2021 04:48 PM

vaccination is the way to protect people from the covid 19 epidemic tata group

विभिन्न विनिर्माताओं के और टीकों की निर्धारित प्रक्रिया के तहत मंजूरी के साथ तेजी से टीकाकरण अभियान चलाकर ही लोगों को कोविड-19 महामारी से सुरक्षित किया जा सकता है। टाटा समूह के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह कहा है। समूह विदेशों से 60 क्रॉयोजेनिक कंटेनर...

नई दिल्लीः विभिन्न विनिर्माताओं के और टीकों की निर्धारित प्रक्रिया के तहत मंजूरी के साथ तेजी से टीकाकरण अभियान चलाकर ही लोगों को कोविड-19 महामारी से सुरक्षित किया जा सकता है। टाटा समूह के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह कहा है। समूह विदेशों से 60 क्रॉयोजेनिक कंटेनर लाने और करीब 400 ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयां लगाने की प्रक्रिया में है। इन ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयों का उपयोग छोटे शहरों के अस्पतालों में किया जा सकता है जिससे महामरी की दूसरी लहर से निपटने में मदद मिलेगी। साथ ही समूह शीत गृह श्रृंखला (कोल्ड चेन) तैयार कर रहा है ताकि परिवहन के लिए कम तापमान की आवश्यकता वाले टीके के स्वीकृत होने की स्थिति में इसका उपयोग किया जा सके। 

टाटा संस के अध्यक्ष (बुनियादी ढांचा,रक्षा, एयरोस्पेस और वैश्विक कंपनी मामले) बनमाली अग्रवाल ने कहा, ‘‘मेरे हिसाब से जितनी तेजी से और जल्दी हम अपने लोगों को टीका लगाने में सक्षम होंगे, उतना ही बेहतर होगा क्योंकि यह हमारे लोगों को सुरक्षित करने का यह एक स्पष्ट तरीका है।'' यह पूछे जाने पर कि क्या भारत को अन्य विनिर्माताओं से और टीकों की जरूरत है, उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित रूप से। लोगों को तेजी से टीकाकरण करने के लिए जो भी जरूरी हो, किए जाने की जरूरत है लेकिन आपको इसे सुरक्षित रूप से करना होगा परीक्षण के संदर्भ में जो भी प्रक्रिया है, उसका पालन करते हुए सावधानी बरतने के साथ आपको यह करना होगा।'' 

अग्रवाल ने कहा, ‘‘जाहिर तौर पर, अगर आपके पास विनिर्माताओं की संख्या अधिक है, इससे चीजें काफी आसान होंगी। जितने अधिक टीके होंगे, हमारे सभी लोगों को टीका लगाना आसान हो सकता है।'' 

उल्लेखनीय है कि भारत के औषधि नियामक ने पिछले महीने कुछ शर्तों के साथ रूस के कोविड-19 टीके स्पुतनिक V के सीमित आपात उपयोग को मंजूरी दे दी। इस टीके का आयात डा. रेड्डीज लैबोरेटरीज करेगी। इससे देश में तीसरे टीके के उपयोग का रास्ता साफ हो गया है। इससे पहले, इस साल जनवरी में भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने कोविड-19 के दो टीकों भारत बॉयोटेक के कोवैक्सीन और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनका के कोविशील्ड के आपात उपयोग को मंजूरी दी थी। कोविशील्ड का उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पुणे में कर रही है। 

अग्रवाल ने कहा कि टाटा समूह टीकाकरण कार्यक्रम में सहायता देने को लेकर तैयारी कर रहा है। ‘‘हम एक तरह से तैयार हो रहे हैं। अगर हमारे पास ऐसा टीका है जिसे कुछ कोल्ड चेन की जरूरत है, तो हम इसको ध्यान में रखकर तैयारी कर रहे हैं। सौभाग्य से, समूह के भीतर, हमारे पास वोल्टास जैसी कंपनियां हैं।'' उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हमारे लिए दीर्घकाल में स्वास्थ्य संबंधी ढांचागत सुविधाओं में निवेश से इनकार नहीं किया जा सकता। यह देश के लिए महत्वपूर्ण है। अग्रवाल ने कहा कि लेकिन फिलहाल यह साफ है कि अर्थव्यवस्था की वृद्धि और विकास कोविड-19 से निपटने और उसके प्रबंधन की क्षमता पर निर्भर है। उन्होंने कहा, "अगर हमने इसका प्रबंधन सही तरीके से कर लिया, तो चीजें बेहतर होंगी। अन्यथा चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, मुझे पूरा भरोसा है कि हम इसे कर (प्रबंधित) सकते हैं।'' 
 

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