Edited By Supreet Kaur,Updated: 05 Oct, 2018 10:30 AM
सरकार द्वारा नियुक्त संकटग्रस्त आईएलएंडएफएस समूह के नए निदेशक मंडल की गुरुवार को पांच घंटे की मैराथन बैठक हुई। बोर्ड ने कहा है कि वह समूह और उसकी 348 अनुषंगियों के हितों या संपत्ति के मूल्य की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा। बोर्ड ने कहा है कि...
मुंबईः सरकार द्वारा नियुक्त संकटग्रस्त आईएलएंडएफएस समूह के नए निदेशक मंडल की गुरुवार को पांच घंटे की मैराथन बैठक हुई। बोर्ड ने कहा है कि वह समूह और उसकी 348 अनुषंगियों के हितों या संपत्ति के मूल्य की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा। बोर्ड ने कहा है कि समूह के निदेशक मंडल की नियमित आधार पर बैठक होगी जिससे भविष्य की रूपरेखा का मसौदा बनाया जा सके। सरकार ने सोमवार को सत्यम कंप्यूटर की तर्ज पर आईएलएंडएफएस समूह का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था।
पहली बैठक के बाद नए बोर्ड के चेयरमैन उदय कोटक ने कहा कि निदेशक मंडल कंपनी के शेयरधारकों के साथ भी बैठक करेगा। कंपनी के शेयरधारकों में एलआईसी के पास उसकी 25.34 फीसदी, ओरिक्स कॉरपोरेशन आफ जापान के पास 23.7 फीसदी हिस्सेदारी है। इसके अलावा एचएफसी, एसबीआई और सेंट्रल बैंक के पास भी आईएलएंडएफएस की हिस्सेदारी है। यूएई सावरेन वेल्थ फंड, अबू धाबी निवेश प्राधिकरण के पास भी कंपनी की 12 फीसदी हिस्सेदारी है। कोटक ने कहा कि बोर्ड उचित समय पर शेयरधारकों के साथ बैठक करेगा। बोर्ड ने आडिटर नंदकिशोर को समूह की आडिट समिति का चेयरमैन नियुक्त किया है।
आईएलएंडएफएस के ऊपर सामूहिक रूप से बैंकों और अन्य ऋणदाताओं का 91,000 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया है। समूह की कई इकाइयों बैंकों के कर्ज के भुगतान में चूक कर चुकी हैं। ऐसी भी आशंका जताई जा रही है कि आईएलएंडएफएस जैसी बड़ी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) द्वारा कर्ज चुकाने में चूक से वित्तीय बाजारों में नकदी का संकट हो जाएगा। यह संकट सामने आने के बाद से शेयर बाजारों का हाल बेहाल है। आवास वित्त कंपनियों, एनबीएफसी तथा म्यूचुअल फंड कंपनियों के शेयरों में गिरावट आ रही है।