Edited By jyoti choudhary,Updated: 22 Mar, 2023 12:35 PM

बेमौसम बारिश का असर आम आदमी की जेब पर पड़ सकता है। गेहूं, चना, सरसों के साथ मौसमी सब्जियां महंगी हो सकती है। अगर उत्पादन कम हुआ तो इसका सीधा असर दामों पर पड़ेगा। इस बात को लेकर सरकार अलर्ट मोड में आ गई है। अगर खाद्य चीजों के दाम बढ़े तो इसका असर आम...
नई दिल्लीः बेमौसम बारिश का असर आम आदमी की जेब पर पड़ सकता है। गेहूं, चना, सरसों के साथ मौसमी सब्जियां महंगी हो सकती है। अगर उत्पादन कम हुआ तो इसका सीधा असर दामों पर पड़ेगा। इस बात को लेकर सरकार अलर्ट मोड में आ गई है। अगर खाद्य चीजों के दाम बढ़े तो इसका असर आम आदमी की जेब पर तो पड़ेगा, साथी रिटेल महंगाई में भी बढ़ोतरी हो सकती है। सूत्रों के अनुसार खाद्य और कृषि मंत्रालय दोनों इस काम पर लग गए हैं कि बेमौसमी बारिश से किस-किस फसल को कितना नुकसान हो सकता है, पहले इसका ब्यौरा इकट्ठा कर लिया जाए। फिर इस बारे में उपायों पर विचार किया जाएगा। सरकार को ज्यादा चिंता गेहूं और चने की है।
गेहूं के दाम को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने हाल ही में 30 लाख टन गेहूं को खुले मार्केट में बेचा, तब जाकर गेहूं के दाम में स्थिरता आई है। साथ ही आटा भी थोड़ा सस्ता हुआ है। अगर फिर गेहूं के दाम बढ़े तो आटे की कीमत बढ़ जाएगी, जिसका सीधा असर आम आदमी की थाली पर पड़ेगा। एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि अभी इस मामले में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। सरकार की पूरी कोशिश होगी कि खाद्य चीजों के दामों में बढ़ोतरी न हो। बेमौसमी से जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई कैसे की जाए, इस बारे में जल्द फैसला लिया जाएगा। वैसा सरकार का अनुमान है कि फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में गेहूं उत्पादन रिकॉर्ड 11.22 करोड़ टन रह सकता है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश का हाल
इस बीच तीन दिन से मौसम की करवट लेने का क्रम जारी है। पश्चिमी यूपी में कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश हुई। वहीं, मंगलवार सुबह कई जगहों पर ओले भी गिरे। इसका सीधा नुकसान किसान को हो रहा है। बारिश और हवा से खेतों में खड़ी गेहूं, सरसों की फसल को नुकसान हुआ है। खेतों के गीला होने से गन्ने की छिलाई और आलू की खुदाई भी रुक गई है। हवा और ओले गिरने से आम के बागों को नुकसान पहुंचा है। अगर और ओलावृष्टि हुई तब आम के बाग मालिकों को भी बड़ा नुकसान होगा। मौसम के जानकार बुधवार को भी बारिश की संभावना जता रहे हैं।
जानकारों ने पहले बताया था कि मंगलवार और बुधवार को मौसम खुला रह सकता हैं लेकिन एकाएक मौसम ने करवट ली। अब 23 मार्च से पश्चिमी विक्षोभ के दोबारा सक्रिय होने से मौसम फिर करवट लेगा और कुछ स्थानों पर बारिश होने की संभावना रहेगी। इसको लेकर किसान परेशान है। किसानों का कहना है कि बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं और सरसों की फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है। गेहूं की फसल गिर गई है। गेहूं में अभी दाना कच्चा है, वह काला पड़ जाएगा।
गिरे रहने से फसल की उत्पादन क्षमता कम हो जाएगी और भूसा भी खराब हो जाएगा। पानी भरा रहने से गेहूं गल भी सकता है। खेत की जमीन गीली होने से पौधा हवा में गिर गया। उसके दाने झड़ गए। इससे भी काफी नुकसान हुआ है। किसानों ने कहा कि सब्जियों पर इस बारिश का प्रतिकूल असर पड़ता दिख रहा है। खेत में पानी के कारण या ज्यादा वक्त गीला रहने के कारण खीरा, ककड़ी, तोरी, लौकी आदि सब्जी के खराब होने का खतरा है।