Edited By Punjab Kesari,Updated: 01 Jun, 2017 11:37 AM
वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के कारण वाहन डीलरों को अपना बचा स्टॉक निपटाने में 1,000 करोड़ रुपए की चपत लग सकती है।
नई दिल्लीः वस्तु एवं सेवा कर (जी.एस.टी.) के कारण वाहन डीलरों को अपना बचा स्टॉक निपटाने में 1,000 करोड़ रुपए की चपत लग सकती है। ये डीलर अपने शोरूम और स्टॉक में कारों, दोपहिया वाहनों और व्यावसायिक वाहनों की अच्छी खासी संख्या रखते हैं। जी.एस.टी. के 1 जुलाई से लागू होने की संभावना है यानी 30 जून तक डीलरों के स्टॉक, शोरूम या रास्ते में जो वाहन होंगे उस पर उत्पाद शुल्क चुकाया गया होगा लेकिन उन्हें केवल 40 फीसदी हिस्सा ही केंद्रीय जी.एस.टी. क्रेडिट के रूप में वापस मिलेगा।
जी.एस.टी. के अनुसार बनाना होगा बिल
1 जुलाई से डीलरों को जी.एस.टी. के हिसाब से बिल बनाना पड़ेगा। जैसे कार पर 28 फीसदी जीएसटी लगेगा और अलग-अलग श्रेणी के हिसाब से 15 फीसदी तक उपकर लगेगा। जी.एस.टी. में उत्पाद शुल्क, वैट और दूसरे उपकरों आदि का विलय हो जाएगा।