Edited By Supreet Kaur,Updated: 23 Oct, 2018 04:12 PM
वाहन मालिकों को अपने वाहनों के लिए प्रदूषण प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए 18 फीसदी का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) देना होगा। अग्रिम निर्णय प्राधिकरण (एएआर) ने यह व्यवस्था दी है। एएआर की गोवा पीठ ने वेंकटेश आटोमोबाइल्स की अपील पर यह व्यवस्था दी है।
नई दिल्लीः वाहन मालिकों को अपने वाहनों के लिए प्रदूषण प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए 18 फीसदी का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) देना होगा। अग्रिम निर्णय प्राधिकरण (एएआर) ने यह व्यवस्था दी है। एएआर की गोवा पीठ ने वेंकटेश आटोमोबाइल्स की अपील पर यह व्यवस्था दी है।
वेंकटेशन आटोमोबाइल्स ने जानना चाहा था कि क्या राज्य सरकार की ओर से जारी किए जाने वाले प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूएसी) पर जीएसटी की छूट है। एएआर ने कहा कि आवेदक द्वारा वाहनों के लिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र जारी करना सेवा लेखा संहिता (एएससी) 9991 (कराधान योग्य सेवाओं की सांकेतिक सूची) के तहत नहीं आता। एएआर ने इस सेवा को अवशेष प्रविष्टि वाली सेवा मानते हुए इस पर 18 फीसदी जीएसटी लगाए जाने की व्यवस्था दी है।
सड़कों पर चलने वाले प्रत्येक वाहन के लिए पीयूसी की जरूरत होती है। इस प्रमाणन का मतल है कि वाहनों में उत्सर्जन प्रदूषण नियमों के अनुरूप है और यह पर्यावरण के लिए नुकसानदेह नहीं है। एएआर ने कहा कि सरकार ने आवेदक को भुगतान पर पीयूसी (प्रदूषण नियंत्रण में है) का प्रमाण पत्र जारी करने को अधिकृत किया है। यह आवेदक द्वारा उपभोक्ताओं को दी जा रही सेवा है। सेवा शुल्क के भुगतान के बाद प्रदूषण जांच की सेवा प्रदान की जा रही है। ऐसे में इस पर जीएसटी तय दरों के अनुरूप लगेगा।