Edited By jyoti choudhary,Updated: 04 Oct, 2020 02:07 PM
देश में पिछले कुछ माह के दौरान वाहन बिक्री में सुधार टिकाऊ नहीं है। एमजी मोटर इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजीव छाबा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि वाहन क्षेत्र काफी हद तक अर्थव्यवस्था से जुड़ा हुआ है, ऐसे में अगले साल उद्योग का प्रदर्शन...
नई दिल्लीः देश में पिछले कुछ माह के दौरान वाहन बिक्री में सुधार टिकाऊ नहीं है। एमजी मोटर इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजीव छाबा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि वाहन क्षेत्र काफी हद तक अर्थव्यवस्था से जुड़ा हुआ है, ऐसे में अगले साल उद्योग का प्रदर्शन कैसा रहेगा, इसे लेकर सवालिया निशान कायम है।
लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था खुलने पर जून से माह-दर-माह आधार पर वाहन बिक्री बढ़ रही है। सितंबर में त्योहारी सीजन के पहले बिक्री ने और रफ्तार पकड़ी है। छाबा ने कहा, ‘‘हमें यह नहीं समझना चाहिए कि यह सतत सुधार है। दबी मांग की वजह से अभी दिख रहा सुधार सोची समझी योजनाओं का परिणाम है।'' उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी की वजह से बहुत से लोग सार्वजनिक परिवहन के बजाय निजी परिवहन साधनों की ओर स्थानांतरित हो रहे हैं। बहुत कम लोग ऐसे हैं जो कुछ अच्छे अनुभव के लिए कार खरीदना चाहते हैं।'' उन्होंने कहा कि अगस्त और सितंबर में बाजार में पिछले साल के स्तर पर पहुंच गया है। हालांकि, अप्रैल-जून की तिमाही पूरी तरह के बेकार गई।
छाबा ने कहा, ‘‘यह सभी ‘सामरिक' मांग है, लेकिन टिकाऊ मांग अर्थव्यवस्था पर निर्भर करेगी। वाहन उद्योग काफी हद तक अर्थव्यवस्था से जुड़ा है। वाहन उद्योग अर्थव्यवस्था की मदद करता है और अर्थव्यवस्था वाहन उद्योग की मदद करती है।'' उन्होंने कहा कि सितंबर, अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में वाहन उद्योग की बिक्री अच्छी रहेगी, लेकिन पूरे साल के लिए उद्योग की बिक्री 23 से 25 प्रतिशत कम रहेगी। जनवरी से यह अर्थव्यवस्था की स्थिति तथा कोरोना वायरस के टीके से जुड़ी खबरों ओर संभवत: सरकार की ओर से अर्थव्यवस्था और संभवत: वाहन उद्योग को दिए जाने वाले प्रोत्साहन पर निर्भर करेगी।'' ऐसे में हमें देखना होगा कि जनवरी से उद्योग का प्रदर्शन कैसा रहता है।