वीडियोकॉन लोन मामलाः सेबी के आरोपों से चंदा कोचर ने किया इंकार

Edited By Supreet Kaur,Updated: 07 Sep, 2018 10:31 AM

videocon loan case chanda kochhar refuses to deny sebi charges

आचार संहिता का अनुपालन नहीं करने एवं हितों के टकराव के आरोपों का सामना कर रही आई.सी.आई.सी.आई. बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी चंदा कोचर ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के आरोपों से इंकार किया है। सेबी द्वारा भेजे गए कारण...

बिजनेस डेस्कः आचार संहिता का अनुपालन नहीं करने एवं हितों के टकराव के आरोपों का सामना कर रही आई.सी.आई.सी.आई. बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी चंदा कोचर ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के आरोपों से इंकार किया है। सेबी द्वारा भेजे गए कारण बताओ नोटिस के जवाब में कोचर ने कहा कि उनके पति दीपक कोचर और वीडियोकॉन समूह के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत के बीच कारोबारी सौदों के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी।

सूत्रों ने कहा कि चंदा कोचर ने 30 पृष्ठ के अपने जवाब में विभिन्न आरोपों से अपना बचाव करने के तर्क एवं कारण बताए हैं। नियामक अब कोचर और बैंक के प्रतिनिधियों को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए बुलाएगा। सूत्रों ने कहा कि आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप को गलत ठहराते हुए उन्होंने कहा कि सभी अपेक्षित जानकारियों का नियमों के तहत खुलासा किया गया। कोचर ने अपने जवाब में पूरे घटनाक्रम का विवरण दिया है। कर्ज आबंटन में अपनी सीमित भूमिका, खासतौर पर वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के मामले और कॉर्पोरेट ऋण मंजूरी प्रक्रिया के बारे में भी बताया है। उन्होंने कहा कि क्रैडिट समिति, स्वतंत्र निदेशक भी ऋण आबंटन के मामले को देखते हैं। रिकॉर्ड के अनुसार आई.सी.आई.सी.आई. बैंक की क्रैडिट समिति ने 2012 में वीडियोकॉन समूह को कर्ज की मंजूरी दी थी।

चंदा कोचर उस समय समिति की चेयरपर्सन नहीं थीं। उस समय 12 सदस्यीय समिति के प्रमुख तत्कालीन चेयरमैन के.वी. कामत थे। इसके अलावा आई.सी.आई.सी.आई. बैंक ने 20 बैंकों के कंसोॢटयम द्वारा स्वीकृत 400 अरब रुपए के ऋण का महज एक हिस्सा (32.5 अरब रुपए) दिया था। कोचर ने स्पष्ट किया कि वह समिति का हिस्सा जरूर थीं लेकिन उनके पास मताधिकार नहीं था। कोचर ने आगे कहा कि वह वीडियोकॉन समूह के ऋण आबंटन मामले में 30 बैठकों में से केवल 8 में ही शामिल हुई थीं। उनके अनुसार ऋण के कंसोर्टियम आधारित उधारी में जाने के बाद समूह को कोई नया कर्ज नहीं दिया गया। कोचर ने कहा कि वीडियोकॉन समूह पर अब 28.1 अरब रुपए का बकाया है। समूह को 2017 में गैर-निष्पादित आस्तियां (एन.पी.ए.) करार दिया गया था। उन्होंने कहा कि वीडियोकॉन और आई.सी.आई.सी.आई. बैंक के बीच 1985 से ही कारोबारी संबंध हैं तथा वह 1984 में बैंक में बतौर प्रबंधन प्रशिक्षु आई थीं। वर्तमान में कोचर स्वतंत्र जांच पूरी होने तक अनिश्चितकाल के लिए छुट्टी पर हैं। 

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