Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Mar, 2019 06:25 PM
सरकारी बैंकों से कर्ज लेकर देश से भागे कारोबारी विजय माल्या को लंदन में चैन की सांस नहीं मिल पा रही है। एक दूसरे मामले में कार्मवेल टेरेस स्थित माल्या का आलीशान घर भी कुर्की की जद में है। शराब कारोबारी माल्या
नई दिल्लीः सरकारी बैंकों से कर्ज लेकर देश से भागे कारोबारी विजय माल्या को लंदन में चैन की सांस नहीं मिल पा रही है। एक दूसरे मामले में कार्मवेल टेरेस स्थित माल्या का आलीशान घर भी कुर्की की जद में है। शराब कारोबारी माल्या इसे बचाने की पूरी जद्दो-जहद में जुटे हुए हैं। गुरुवार को माल्या की तरफ से लदन की एक अदालत में बताया गया कि वह स्विट्जरलैंड वाले फंड से यूबीएस बैंक का कर्ज चुकाने के लिए तैयार हैं।
गौरतलब है कि 2012 में माल्या ने लंदन स्थित अपने आलीशन घर को गिरवी रखकर यूएबीएस से कर्ज लिए थे। बैंकों का कहना है कि गिरवी छुड़ाने की समय-सीमा 2017 में ही समाप्त हो गई। इसके बाद बैंक ने अपने कर्ज को वापस लेने के लिए दबाव बनाया। गौरतलब है यूएसबी का माल्या पर 20.4 मिलियन पाउंड का कर्ज है।
हालांकि, माल्या ने मौखिक रूप से बताया था कि उनके और बैंक के बीच में रकम लौटाने की तय समय-सीमा को और पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया। यूबीएस ने 'रोज कैपिटल वेंचर' (जिसके मालिक विजय माल्या (62), उनके बेटे सिद्धार्थ (31) और मां ललिता (92) हैं।) के खिलाफ केस किया। गुरुवार को अदालत ने मुकदमें की रुप रेखा तय करने को लेकर पहली बहस सुनी। अब इस केस में सुनवाई 7 मई से शुरू होगी। इस दौरान यूबीएस बैंक के प्रतिनिधि ने कोर्ट में कहा कि बचाव पक्ष (माल्या) ने लिखित में कहा है कि वो उन्हें लोन की रकम 'स्विट्जर वाले फंड' से चुका देंगे। हालांकि, यह नहीं स्पष्ट किया गया है कि कितनी रकम चुकाई जाएगी।
सुनवाई के दौरान विजय माल्या के वकील ने अपनी आपत्ति में यूबीएस को इस मामले में स्वयं पहल करने की बात कही। जिसके बाद यूबीएस के वकील ने कहा कि बचाव पक्ष अदालत द्वारा आरोपों की पड़ताल को बाधित करना चाहता है। उन्होंने कहा, 'बचाव पक्ष पर जितनी रौशनी डाली जाएगी, उनकी कमजोरियां उतनी ही उभरकर सामने आएंगी।'