विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय, बना देश का तीसरा बड़ा बैंक

Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Apr, 2019 12:16 PM

vijaya bank and dena bank merge into bank of baroda

दो सरकारी बैंकों विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय आज 1 अप्रैल 2019 से लागू हो गया है। इन दोनों बैंकों के विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन गया है।

बिजनेस डेस्कः दो सरकारी बैंकों विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय आज 1 अप्रैल 2019 से लागू हो गया है। इन दोनों बैंकों के विलय के बाद बैंक ऑफ बड़ौदा देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बन गया है। विजया बैंक और देना बैंक की सभी शाखाएं आज से बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखाओं के तौर पर काम कर रही हैं। 

रिजर्व बैंक ने शनिवार को एक बयान में कहा, 'विजया बैंक और देना बैंक के उपभोक्ताओं को 1 अप्रैल से बैंक ऑफ बड़ौदा का उपभोक्ता माना जाएगा।' केंद्र सरकार ने अतिरिक्त खर्च की भरपाई के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा को 5,042 करोड़ रुपए देने का पिछले सप्ताह निर्णय लिया था। 

PunjabKesari

14.82 लाख करोड़ का कारोबार 
विलय की योजना के तहत विजया बैंक के शेयर धारकों को प्रत्येक 1 हजार शेयरों के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 402 शेयर मिलेंगे। देना बैंक के शेयरधारकों को उनके प्रत्येक 1 हजार शेयर के बदले बैंक ऑफ बड़ौदा के 110 शेयर मिलेंगे। विलय के बाद संयुक्त निकाय का कारोबार 14.82 लाख करोड़ रुपए का हो गया है। यह भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक बना है। इस विलय के बाद देश में सरकारी बैंकों की संख्या कम होकर 18 रह गई है। 

PunjabKesari

ग्राहकों पर पड़ेगा यह असर

  • इस विलय के बाद विजया और देना बैंक के ग्राहकों का खाता नंबर बदल जाएगा।
  • खाता नंबर बदलने के कारण सभी ग्राहकों की पासबुक और चेकबुक भी बदल जाएगा।
  • दोनों बैंकों के सभी ग्राहकों को नए डेबिट/एटीएम कार्ड और क्रेडिट कार्ड लेने होंगे।
  • बैंक का नाम बदलने के कारण ग्राहकों की शाखाओं के IFSC कोड भी बदल जाएंगे।

PunjabKesari

बैंकिंग सेक्टर में कई पहल 
देश के बैंकिंग क्षेत्र में 31 मार्च 2019 को समाप्त हो रहे इस वित्त वर्ष के दौरान कई अहम पहल की गईं। विजया बैंक और देना बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय करने के साथ ही सरकारी क्षेत्र के आईडीबीआई बैंक में सरकार की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी को भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को हस्तांतरित कर दिया गया। वित्त सेवाओं के विभाग ने वर्ष के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में रिकॉर्ड 1.06 लाख करोड़ रुपए की पूंजी भी डाली। 

इसके परिणामस्वरूप सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आफ इंडिया, कारपोरेशन बैंक, इलाहाबाद बैंक सहित पांच बैंक रिजर्व बैंक की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई निगरानी से बाहर निकल आए। इस दौरान बैंकों की गैर-निष्पादित राशि (एनपीए) राशि में 2018-19 की अप्रैल-सितंबर तिमाही में 23,860 करोड़ रुपए की कमी आई।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!