Edited By Supreet Kaur,Updated: 14 May, 2018 10:18 AM
सार्वजनिक क्षेत्र के विजया बैंक ने अनिल अंबानी समूह के नेतृत्व वाली रिलायंस नैवल एंड इंजीनियरिंग के ऋण खाते को मार्च तिमाही से गैर-निष्पादित आस्ति (एन.पी.ए.) घोषित कर दिया है। पहले इस कंपनी का नाम पीपावाव डिफैस एंड आफशोर इंजीनियरिंग था।
नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र के विजया बैंक ने अनिल अंबानी समूह के नेतृत्व वाली रिलायंस नैवल एंड इंजीनियरिंग के ऋण खाते को मार्च तिमाही से गैर-निष्पादित आस्ति (एन.पी.ए.) घोषित कर दिया है। पहले इस कंपनी का नाम पीपावाव डिफैस एंड आफशोर इंजीनियरिंग था।
अनिल अंबानी ग्रुप ने 2016 में इसका अधिग्रहण किया था और इसे रिलायंस डिफैंस एंड इंजीनियरिंग का नाम दिया था। कंपनी पर आई.डी.बी.आई. बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ का 9,000 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज बकाया है। इनमें से ज्यादातर सरकारी बैंक हैं।
बेंगलूरू के विजया बैंक ने कहा कि रिजर्व बैंक द्वारा 12 फरवरी को लाए बदलावों के तहत यह कदम जरूरी है। केंद्रीय बैंक जो एन.पी.ए. निपटान ढांचा लेकर आया है उसके तहत मौजूदा सभी व्यवस्थाओं को रद्द कर दिया गया है। इसमें ऋण पुनर्गठन भी शामिल है। इसमें बैंकों से कहा गया है कि वे एक दिन की चूक को भी डिफाल्ट मानें। यदि 180 दिन में इसका भुगतान नहीं होता है तो मामले को दिवाला प्रक्रिया के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एन.सी.एल.टी.) के पास भेजा जाना चाहिए।