Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Jul, 2018 05:19 PM
आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया के विलय को अगले कुछ दिनों में सरकार से अंतिम मंजूरी मिल सकती है क्योंकि दोनों कंपनियों ने दूरसंचार विभाग द्वारा मांगी गई 7,248.78 करोड़ रुपए
नई दिल्लीः आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया के विलय को अगले कुछ दिनों में सरकार से अंतिम मंजूरी मिल सकती है क्योंकि दोनों कंपनियों ने दूरसंचार विभाग द्वारा मांगी गई 7,248.78 करोड़ रुपए की नकदी और बैंक गारंटी जमा कर दी है। इसी के साथ देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी के आगे का मार्ग का प्रशस्त हो गया है।
दूरसंचार विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि आइडिया और वोडाफोन ने एकमुश्त स्पेक्ट्रम शुल्क के रुप में 3,322.44 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी और कई भी स्पेक्ट्रम इस्तेमाल करने की अनुमति पाने के लिए 3,926.34 करोड़ रुपए नकद जमा करा दिए हैं।
औपचारिक कागजी कार्रवाई के बाद कुछ दिनों में दोनों कंपनियों के विलय को मंजूरी दे दी जाएगी। विलय के बाद बनने वाली कंपनी का नाम वोडाफोन आइडिया लिमिटेड होगा। उल्लेखनीय है कि विलय के बाद बनने वाली कंपनी देश की सबसे बड़ी दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी होगी जिसका मूल्य डेढ़ लाख करोड़ रुपए से अधिक (23 अरब डॉलर) होगा। नई कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 35 प्रतिशत होगी और इसके ग्राहकों की संख्या लगभग 43 करोड़ होगी।
नई कंपनी बनाने के बाद भारती एयरटेल देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी नहीं रह जाएगी। संयुक्त उद्यम में वोडाफोन की हिस्सेदारी 45.1 प्रतिशत और कुमार मंगलम बिड़ला के नेतृत्व वाले आदित्य बिड़ला समूह की हिस्सेदारी 26 प्रतिशत तथा आइडिया के शेयरधारकों की हिस्सेदारी 28.9 प्रतिशत होगी।