वोडाफोन आइडिया को राहत! 4 साल के स्पेक्ट्रम पेमेंट पर मोरेटोरियम मंजूर

Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Oct, 2021 06:29 PM

vodafone idea approves moratorium on spectrum payment for 4 years

कर्ज के संकट से जूझ रही वोडाफोन इंडिया ने सरकार को जानकारी दी है कि वह 4 साल के स्पेक्ट्रम पेमेंट पर मोरेटोरियम को मंजूर कर रही है। वह पहली टेलिकॉम कंपनी बन गई है, जिसने टेलीकॉम रिलीफ पैकेज के तहत पेमेंट टालने के ऑप्शन को मंजूर कर लिया है। टेलीकॉम...

बिजनेस डेस्कः कर्ज के संकट से जूझ रही वोडाफोन इंडिया ने सरकार को जानकारी दी है कि वह 4 साल के स्पेक्ट्रम पेमेंट पर मोरेटोरियम को मंजूर कर रही है। वह पहली टेलिकॉम कंपनी बन गई है, जिसने टेलीकॉम रिलीफ पैकेज के तहत पेमेंट टालने के ऑप्शन को मंजूर कर लिया है। टेलीकॉम कंपनी ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम्यूनिकेशंस के साथ इस बात को लेकर पूछताछ भी की है कि उसे स्पेक्ट्रम भुगतान से संबंधित अपनी बैंक गारंटी कब वापस मिलेगी।

रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी ने कहा कि वह आगे की तारीख पर इस फैसले की पुष्टि करेगी कि क्या वह एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) पेमेंट पर मोरेटोरियम के विकल्प को चुन रही है या नहीं। इसके साथ वह बाद में बताएगी कि कंपनी टाले गए भुगतान पर ब्याज को इक्विटी में बदलने के ऑप्शन को चुनती है या नहीं। टेलीकॉम कंपनी के पास एजीआर पेमेंट मोरेटोरियम को कन्फर्म करने के लिए 29 अक्टूबर तक का समय मौजूद है। दोपहर के कारोबार में, टेलीकॉम कंपनी के शेयर बीएसई पर 4.4 फीसदी के उछाल के साथ 10.44 रुपए पर हैं।

एक इंडस्ट्री एग्जीक्यूटिव ने कहा कि Vi ने चार साल के स्पेक्ट्रम पर मोरेटोरियम को चुन लिया है और उसने अपने BGs के स्टेटस की डिटेल्स भी मांगी हैं। उन्होंने आगे कहा कि क्या कंपनी AGR मोरेटोरियम को चुनती है और टाली गई पेमेंट्स पर ब्याज को इक्विटी में बदलने की सहमति देती है या नहीं, इसे DoT को बाद में बताया जाएगा।

सितंबर में सरकार ने किया था पैकेज का ऐलान
Vi का फैसला सरकार द्वारा सितंबर के मध्य में ऐलान किए गए पैकेज के बाद आया है। इसमें एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) और स्पेक्ट्रम पेमेंट्स पर चार साल का मेरोटोरियम, घटी BGs और टाली गई पेमेंट्स पर ब्याज को सरकारी इक्विटी में बदलने का विकल्प शामिल है। इस पैकेज से काफी बदलाव आया है। इससे Vi की तुरंत कैश फ्लो के दबाव को कम किया है। इसके साथ अगर टेलीकॉम कंपनी दोनों AGR और स्पेक्ट्रम बकाया पर मोरेटोरियम को चुनती है, तो उसकी सालाना कैश फ्लो में करीब 25,000 करोड़ रुपए की बचत होगी। टेलीकॉम कंपनियों के पास इक्विटी में बदलने के विकल्प का इस्तेमाल करने के लिए 90 दिन का समय है।
 

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